Philippines-Morocco UIDAI: भारत में आधार कार्ड सिस्टम पहले से ही बहुत ज्यादा प्रचलित है. इसके बाद अब फिलीपींस और मोरक्को अपने नागरिकों के लिए आधार कार्ड के ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चर को अपनाने वाले पहले दो देश बन गए हैं.
इस बात की जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार (22 मार्च) को दी.
इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बैंगलोर (IIT-B) और भारतीय विशिष्ट पहचान ऑथोरिटी (UIDAI) में कार्यरत मॉड्यूलर ओपन सोर्स आइडेंटिटी प्लेटफ़ॉर्म (MOSIP) बनाने में मदद कर रहे हैं. जरूरी टेक्नोलॉजिकल स्टैक के मदद से लोगों की लाइफ आसान बनाने और नागरिकों को कानूनी पहचान मुहैया करने के लिए विकसित कर रहे हैं.
आधार संरचना का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
इसके संबंध में अधिकारी ने नाम बताने से इंकार करते हुए कहा कि आधार 2.0 के लिस्ट में ग्लोबल पहुंच और दूसरे देशों की मदद करने की बात शामिल है. हमारे पास पहले से ही एशिया और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों से आठ से दस देश आए है. वो ये समझना चाहते है कि आधार क्या है और वे संभावित रूप से आधार संरचना का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि टोगो, केन्या, वियतनाम, श्रीलंका और सिंगापुर कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने समान विशिष्ट पहचान प्लेटफार्मों को अपनाने में रुचि दिखाई है. ब्राजील, मिस्र और मैक्सिको भी आधार की संरचना को समझने के लिए भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं.
भारत स्टैक की पेशकश कर रही है
भारत G20 शिखर सम्मेलन में UIDAI को पब्लिक डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के सरकार की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में आता है. जैसा कि पहले बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशल विकास जैसी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए G20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस (DIA) भी लॉन्च किया है.
सरकार अन्य देशों को भारत स्टैक की पेशकश कर रही है, जिसमें आधार, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI), eSign, DigiLocker, आदि जैसी सरकार समर्थित सेवाओं के ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) शामिल हैं.
2010 मे की गई थी शुरुआत
पहली आधार संख्या साल 2010 सितंबर में जारी हुआ था. वहीं जून 2022 तक 133 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं. हालांकि कई लोगों के मरने के कारण आधार संख्या धारकों की निर्धारित संख्या कम हो सकती है.
वहीं आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, UIDAI वर्तमान में हर दिन सात से आठ करोड़ आधार से जुड़े डेट रिकॉर्ड करता है. इससे आधार धारक की पहचान UIDAI को जमा की जाती है. इसके बाद UIDAI बताता है कि स्पेशल नंबर आधार धारक की जानकारी से मेल खाती है या नहीं.