नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यानी बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक पत्र मेल किया.
जिसमें 16 विपक्षी दलों के नेताओं को व्यक्तिगत रूप से संघीय एजेंसी को जमा करने से रोके जाने के बाद अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने नेताओं को लेटर जमा करने और मार्च को रोकने के लिए संसद परिसर से ईडी कार्यालय तक अतिरिक्त बल तैनात किया और बैरिकेड्स लगा दिए. परिसर के पास धारा 144 लगा दी गई, जो चार से अधिक लोगों के भीड़ लगाने पर रोक लगाती है. वहीं संसद सत्र शुरु होते ही कांग्रेस और राहुल के बीच एक फिर टकराव हुआ.
भाजपा ने एक बार फिर लंदन गांधी की दी स्पीच पर माफी की मांग की. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने अडाणी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट की JPC से जांच की मांग को लेकर हंगामा किया.
अब तक क्या-क्या हुआ 10 प्वाइंट्स में जानिए
- मार्च का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि विपक्ष अड़ानी मामले में जांच की मांग करें इसलिए पुलिस ने हमें ईडी कार्यलय तक नहीं जाने दिया. बता दें विपक्षी पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी रणनीति का समन्वय पर बात करने के लिए खरगे से उनके कार्यालय में मुलाकात की.
- विपक्ष दलों ने SBI और LIC के अडानी समूह के जोखिम पर सरकार पर हमला बोला,और इसके खिलाफ संसदीय पैनल जांच की मांग की है.
- कांग्रेस नेता ने कहा मोदी सरकार के चलते एलआईसी, स्टेट बैंक और दूसरे कई बैंक बर्बाद हो गए हैं.
लोगों के पूरे जीवन की जमा पूंजी एक शख्स की दे दी गई. जिसके चलते उसकी संपति 13 लाख करोड़ रुपये को गई. - खरगे ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि अडाणी और मोदी में क्या रिश्ता है. वहीं विपक्षी दलों ने भी अडानी समूह के खिलाफ तीन पन्नों में शेल कंपनियों और धनशोधन समेत कई गंभीर आरोप लगाए.विपक्षी के नेताओं ने हमला बोलते हुए कहा कि ED अपने अधिकार क्षेत्र से मूंह नहीं मोड़ सकती.
- कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, और कई अन्य दलों के लेटर पर साइन किया हैं.
- आज सत्र शुरु होने के पहले सुबह साढ़े 10 बजे के पास कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पार्लियामेंट चैंबर में विपक्ष के 16 दलों के साथ बैठक की. सभी दलों ने हिंडनबर्ग-अडाणी रिपोर्ट की जांच के लिए JPC की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने को लेकर आपस में सहमति की
- कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा किसरकार ने 200 सांसदों को रोकने के लिए 2 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी.
उन्होंने कहा कि मोदी लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भी रोका जा रहा है. - इस प्रदर्शन में ममता बनर्जी और शरद पवार के सांसद शामिल नहीं हुए दो बजे जब सदन जब दोबारा शुरू हुई तो फिर इन्हीं मुद्दों पर हंगामा शुरू हो गया.
- अडाणी मामले में ED-CBI की कार्रवाई को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी कुछ अन्य विपक्षी दलों को लेकर अलग प्रदर्शन कर रहे है. टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने अनुसार सत्ता पक्ष हो या मुख्य विपक्षी दल, दोनों एक-दूसरे के खिलाफ हैं. इसलिए हम अलग प्रदर्शन कर रहे है.
- अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह और पीएम मोदी पर विपक्ष लगातार हमलावर है. हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे.