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कर्नाटक में BJP ने बनाई गुजरात मॉडल से दूरी, कांग्रेस को चकमा देने के लिए बनाया नया प्लान…

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कर्नाटक में चुनावी तापमान बढ़ता जा रहा है,कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेता लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं.

यहां बीजेपी और कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. हालांकि सर्वे इशारा कर रहे हैं कि इस बार कर्नाटक के चुनावी परिणाम त्रिशंकु विधानसभा तक ले जा सकते हैं. इससे बचने के लिए भाजपा ने नया प्लान तैयार किया है.

खास बात ये है कि अब तक पार्टी को लगातार जीत दिला रहे गुजरात मॉडल को इस बार न अपनाने का फैसला लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में एंटी इकंबेंसी से मुकाबले के लिए पार्टी ने प्रदेश में उम्मीदवारों को उनके वोट बैंक के आधार पर टिकट देने का फैसला लिया है. इसके लिए उन नेताओं से भी संपर्क किया जा रहा है दूसरे दलों के हैं.

गुजरात में पार्टी ने अपनाया था ये मॉडल

भाजपा ने गुजरात में चुनाव के दौरान ऐसे विधायकों के टिकट काट दिए थे जिनके खिलाफ एंटी इंकंबेंसी ज्यादा थी. इनकी जगह पार्टी ने नए और युवा चेहरों को मौका दिया था. इसका पार्टी को फायदा भी मिला था भाजपा ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की थी. गुजरात में भाजपा ने तकरीबन 42 सिटिंग विधायकों के टिकट काटे थे. वहीं हिमाचल में 11 सिटिंग विधायकों को टिकट नहीं दिया गया था. कर्नाटक के स्थानीय नेता चाहते हैं कि भाजपा उसी मॉडल के साथ चुनाव उतरे लेकिन पार्टी यहां ऐसा करने में मूड में नहीं दिख रही.

कर्नाटक के लिए ये है प्लान

भाजपा के थिंक टैंक का मानना है कि कर्नाटक की स्थिति गुजरात जैसी नहीं है. यहां तकरीबन 120 सीटें ऐसी हैं जहां विधायक किसी पार्टी नहीं बल्कि अपने बूते जीतते हैं. ऐसे में भाजपा ज्यादातर सिटिंग विधायकों को ही मौका देने का मन बना चुकी है. पार्टी का मानना है कि एंटी इंकंबेंसी की बजाय इस पर जोर देना ज्यादा जरूरी है कि किस क्षेत्र में किस विधायक का वर्चस्व ज्यादा है. पार्टी का मानना है कि यदि इन्हें टिकट न दिया गया तो ये दूसरी पार्टी में जाकर जीत का गणित बिगाड़ सकते हैं. खास बात ये है कि पार्टी ऐसे विधायकों से भी संपर्क करने से नहीं हिचकिचा रही जो दूसरी पार्टियों में हैं. भाजपा सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार पर फोकस कर रही है.

पर्दे के पीछे काम करेंगे येदियुरप्पा

हाल ही में येदियुरप्पा ने संकेत दिए थे कि भाजपा सिर्फ 6 से 7 विधायकों के ही टिकट काटेगी. इनमें से कुछ 75 साल के हैं तो कुछ बीमार हैं. मगर उनकी सीट पर उम्मीदवारों के चयन में ऐसे नेताओं की राय जरूर ली जाएगी. हालांकि येदियुरप्पा खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे वह पर्दे के पीछे से मेहनत करेंगे. वह खुद पीएम मोदी से ये वादा कर चुके हैं कि वह चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.

छह बार कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं पीएम

कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने जीत की तगड़ी तैयारी की है. यही वजह है कि पीएम मोदी छह बार राज्य का दौरा कर चुके हैं. इस महीने में तो अब तक उनके दो दौरे हो चुके हैं. अब 25 मार्च को एक बार फिर पीएम मोदी दवांगरे में विजय संकल्प रैली को संबोधित कर सकते हैं. इसके पहले वह 19 मार्च को भी कर्नाटक आ सकते हैं.