झाबुआ। गुजरात विधानसभा के चुनाव 1 व 5 दिसंबर 2022 को होना है, जिसके लिये गुजरात में इन दिनों सारी राजनैतिक पार्टीयां तुफानी चुनाव प्रचार में जुटी हुई है।
इन चुनावों के चलते इन दिनों मध्यप्रदेश के गुजरात से लगे दो आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ और आलिराजपुर के आदिवासी गांवों के लोग बडे ही परेशान है, कारण यह की गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य निर्वाचन चुनाव आयोग के साथ गुजरात और मध्यप्रदेश पुलिस की हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ और आलिराजपुर जिलों के गुजरात राज्य की सिमा से लगे ग्रामों के लोगों के बंदूक लायसेंस निरस्त कर उन्हे वहां के थानों में जमा कराया जाये और इन गांवों में संचालित देशी और विदेशी शराब दुकानों को मतदान के दिन बंद रखी जायें।
ज्ञातव्य है कि आलिराजपुर जिले के 44 गांव और झाबुआ जिले के 54 गांव गुजरात सिमा से लगते है, जिसके कारण इन गांवों की 368 बंदूकों को दोनों जिलों की पुलिस ने थानों मे जमा करवा लिया है और बंदूक लायसेंसों को निरस्त कर दिया है। ये सब सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है ऐसा पुलिस का कहना है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि वे जिन गांवों में रहते है वहां पर अक्सर चोरी, डकैती व हत्या जैसी घटनाऐं होती है। साथ ही जंगली जानवरों का भय भी रहता है, ऐसे में इन गांवों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही चुनाव होने तक बनी रहेगी। अगर कोई हादसा हो जाता है तो फिर इसक लिये कौन जिम्मेदार होगा, पुलिस प्रशासन का कहना है कि इन गांवों में वह पुलिस गश्त को बढायेगी और लोगों को सुरक्षा दी जायेगी।
दूसरी ओर मतदान के दिनों में यहां शराब दुकाने भी बंद रखने के आदेश दिये गये है, जबकि बारह महिनों में मध्यप्रदेश के इन सिमावर्ती दुकानों से अवैध रूप से शराब गुजरात भेजी जाती रहती है और प्रदेश व जिले के आबकारी विभाग इन दुकानों के दम पर ही अपना राजस्व बढाते रहते है, लेकिन अब चुनाव के नाम पर दो दिन शराब दुकानें बंद रखकर प्रशासन क्या दिखाना चाहता है यह तो वही जाने!