संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन संकट को लेकर गत 6 मई को पहली बार सर्वसम्मति से अपना बयान जारी किया. यूएनएससी ने अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के 10-सप्ताह से चले आ रहे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के प्रयासों के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने इस संकट के शांतिपूर्ण हल की पैरवी की है. यूक्रेन पर आक्रमण के करीब 2 महीने बाद रूस ने पहली बार नरम रुख अख्तियार करते हुए संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापित करने के पहल का समर्थन किया है. भारत ने भी प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हुए यूक्रेन में शांति स्थापित किए जाने की आवश्यकता जताई है.
हालांकि, यूएनएससी द्वारा यूक्रेन संकट पर अपने बयान में शब्दों के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने युद्ध, संघर्ष या आक्रमण शब्द का जिक्र नहीं किया है और रूस-यूक्रेन संघर्ष को विवाद कहकर संबोधित किया है. रूस यूक्रेन पर अपने आक्रमण को ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहता आ रहा है. आरोप लग रहे हैं कि यूनएससी ने रूस के दबाव में आकर अपने बयान में युद्ध, संघर्ष या आक्रमण शब्द का प्रयोग न करके विवाद शब्द का प्रयोग किया है. गौरतलब है कि रूस यूएनएससी का स्थायी सदस्य है. वह अब तक यूएनएससी के सभी बयानों को अपने वीटो पावर से रोकता आ रहा था. यही कारण था कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से अब तक यूएनएससी एक बार भी बयान जारी नहीं कर पाया था.
यूक्रेन संकट पर अपने बयान में यूएनएससी ने युद्ध शब्द हटाया
यूएनएससी को बयान जारी करने के लिए वीटो पावर वाले सभी सदस्य देशों की सहमति की जरूरत होती है. यूएनएससी ने जो बयान जारी किया है, उसमें युद्ध शब्द को हटाकर यूक्रेन की शांति और सुरक्षा के रखरखाव के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की है और याद दिलाया है कि सभी सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का दायित्व लिया है. रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस बयान पर अपनी सहमति जताई है. बयान में कहा गया है, सुरक्षा परिषद एक शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में महासचिव (गुटेरेस) के प्रयासों के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त करती है, और गुटेरेस से उचित समय में सदस्यों को यूक्रेन संकट पर जानकारी देने का अनुरोध करती है.
गुटेरेस ने पुतिन व जेलेंस्की के साथ किया था समझौता
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी हाल की मॉस्को और कीव यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ युद्ध क्षेत्र से नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए एक समझौता किया था. इस समझौते में दक्षिणी यूक्रेन में स्थिति बंदरगाह शहर मॉरियुपोल के अजोवस्टल स्टील प्लांट में शरण लेने वाले नागरिकों की सुरक्षित निकासी की बात भी थी. इस प्लांट में हजारों लोगों ने शरण ले रखा है, जिन्हें रेस्क्यू किया जाने लगा है. रूस ने इस स्टील प्लांट की घेराबंदी कर रखी थी, जिसकी वजह से वहां फंसे लोगों का बाहर निकलना नामुमकिन था. यह स्टील प्लांट कई एकड़ में फैला हुआ है.