वंदे भारत ट्रेन के लिए 40 से अधिक पहियों की पहली खेप 12 मई को चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचेगी क्योंकि सरकार ने यूक्रेन संकट से उत्पन्न मुद्दे को सुलझा लिया है. रेल मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और यूक्रेन में भारतीय दूतावास के साथ कई बैठकें की और ट्रकों के जरिये रोमानिया में 128 पहियों के पहले बैच को लाने का फैसला किया है. इसके बाद तीन जत्थों में रोमानिया से एयर कार्गो के जरिये भारत में ये पहिये आएंगे. 16-कोच वाली वंदे भारत ट्रेन के नए संस्करण के लिए कुल 128 पहिए हैं, जिन्हें रोमानिया से चेन्नई के लिए एयरलिफ्ट किया जाएगा. इन पहियों का इस्तेमाल पहली प्रोटोटाइप वंदे भारत ट्रेन के प्रोडक्शन के लिए किया जाएगा ताकि इस साल जुलाई में ट्रायल रन शुरू हो सके.
भारत ने पहले यूक्रेन को 36 हजार पहियों का दिया था ऑर्डर
बता दें कि चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री वंदे भारत ट्रेन का निर्माण कर रही है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने यूक्रेन की एक फर्म को 36, 000 पहियों का ऑर्डर दिया था, जिसने नए उत्पादन को रोक दिया क्योंकि उसके अधिकांश कर्मचारी युद्ध में शामिल हो गए थे. लेकिन 128 पहियों को सड़क मार्ग से रोमानिया ले जाया गया और वहां से एयरलिफ्ट किया जा रहा है.
सूत्रों ने कहा कि 40 से अधिक पहिए 12 मई को चेन्नई पहुंचेंगे और बाकी दो और जत्थों में आएंगे। अधिकारियों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं कि पहिए समय पर पहुंचें और अगस्त 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनों के निर्धारित रोलआउट को प्रभावित न करें.
चेक गणराज्य, पोलैंड और अमेरिका को मिले पहियों के ऑर्डर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने अब चेक गणराज्य, पोलैंड और अमेरिका को पहियों के ऑर्डर दे दिए हैं. सरकार ने बेंगलुरु में रेल व्हील फैक्ट्री में इन पहियों के लिए एक्सल का उत्पादन भी तेज कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि चीन से पहिए मंगवाने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 मई से पहियों को ले जाने वाला एयर कार्गो ऑपरेशन तीन दिनों तक जारी रहेगा. बता दें कि युद्ध के चलते यूक्रेन से पहियों का शिपमेंट प्रभावित हुआ है और उसके चलते पहली प्रोटोटाइप ट्रेन के रोल आउट होने में भी देरी हुई है.