छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 25 अप्रैल 2022 को राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यदि आप कुछ नहीं कर सकते तो छत्तीसगढ़ में गोबर बीनिए. गोबर सरकार को बेचिये और हर महीने 25 से 30 हजार रुपये तक कमाइये. छत्तीसगढ़ के लोग मेहनत कर गोबर बेच रहे हैं और कमाई कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक आंकड़े में बताया गया है कि 16 अप्रैल 2022 से 30 अप्रैल 2022 तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत 2.34 करोड़ रुपये के गोबर की खरीदी की गई है. इस राशि का ऑनलाइन भुगतान 5 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी किए. राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़े में बताया गया है कि इसमें 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.34 करोड़ रुपए भुगतान और गौठान समितियों को 5.04 करोड़ और महिला समूहों को 3.32 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है.
क्या है गोबर का बिजनेस प्लान?
छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. जुलाई 2020 से शुरू इस योजना के तहत 15 अप्रैल 2022 तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 136.22 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है. अब 5 मई को गोबर विक्रेताओं को 2.34 करोड़ रुपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 138.56 करोड़ रुपए हो गया है.
सरकार की योजना के तहत गोबर की खरीददारी के बाद उससे जैविक खाद, गोबर के दीये, अगरबत्ती, गुलाल व अन्य उत्पाद महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार करवाया जाता है. फिर इसे उचित दर पर बाजार में बेचते हैं. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक गौठान समितियों को भी अब तक 54.53 करोड़ रुपये और महिला स्व-सहायता समूहों को 15 अप्रैल 2022 तक 35.66 करोड़ रुपये राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है. 5 मई को गौठान समितियों को 5.04 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 3.32 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर क्रमशः 59.57 करोड़ एवं 38.98 करोड़ रुपये हो जाएगा.
एमपी के बाद यूपी सरकार भी शुरू करेगी योजना
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य की गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.19 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है. इस योजना से एक लाख 18 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ की इस योजना की चर्चा पूरे देश में हो रही है. गोबर बेचकर ग्रामीणों की आय बढ़ाने का दावा करने वाली कांग्रेस शासित राज्य की इस योजना को अब मध्य प्रदेश की शिवराज और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी अपनाने जा रही है. दोनों ही बीजेपी शासित राज्य हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने बीते मार्च महीने और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महीने की 2 मई को गोबर खरीदी की योजना शुरू करने का ऐलान किया. उत्तर प्रदेश में 1.50 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की जाएगी.