छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में इस साल फिर ब्लैंडेड मोड से परीक्षा होगी यानी छात्र घर बैठे ही आंसर लिखेंगे. प्रदेश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन परीक्षा का ये लगातार तीसरा साल है यानी छत्तीसगढ़ में एक लाख से ज्यादा छात्र बिना ऑफलाइन परीक्षा दिये ही इस साल ग्रेजुएट हो जाएंगे.
कोरोना ने लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियों के साथ कई बड़े जख्म दिए. हर क्षेत्र में नुकसान पहुंचाया है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है. पिछले तीन सालों से विश्वविद्यालय की परीक्षाएं फिर ब्लैंडेड मोड पर होगी. परीक्षार्थी एक बार फिर घर से ही उत्तर पुस्तिका लिखकर जमा करेंगे. यह भी सही है कि कोरोना की तीसरी लहर के चलते कक्षाएं भी नहीं लग पाई थी. ऐसे में जब ऑन लाईन परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया तो ज्यादातर छात्रों में खुशी है. वहीं गंभीर बात ये है कि पिछले दो सालों तक लगातार परीक्षाएं ब्लैंडड मोड में ही हुई है. और इस साल भी यही हाल है ऐसे में छात्र घर बैठकर दी गयी परीक्षा से ही ग्रेजुएट हो जाएंगे वहीं इस परीक्षा में भी छात्र कॉपी करके लिखने की ही बात कह रहे हैं.
कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद छत्तीसगढ़ में इस साल 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं ऑफलाइन ही ली गयी है. लेकिन कॉलेजों में जैसी शिक्षा, वैसी परीक्षा का नारा देकर एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने सरकार के सामने ऑनलाइन एग्ज़ाम की मांग रख दी और सरकार ने इस मांग को पूरा भी कर दिया. एनएसयूआई के छात्र नेता अमित शर्मा ने रायपुर के ही पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए ये दावा किया कि अगर परीक्षा ऑफलाइन होती तो यूनिवर्सिटी के दो लाख में से डेढ़ लाख स्टूडेंट्स ऐसे ही फेल हो जाते.
इस पैटर्न में होगी परीक्षा
02 अप्रैल से छात्रों को आंसर शीट बांटने का काम शुरू हो गया है जो 13 अप्रैल तक चलेगा. छात्रों को उनके कॉलेज में ही ये उपलब्ध कराया जा रहा है. 16 अप्रैल से परीक्षाएं शुरू होंगी और सुबह 08 बजे से पहले ही छात्रों के रजिस्टर्ड ईमेल आईडी, मोबाइल और वॉट्सएप्प नंबर पर क्वेश्चन पेपर भेजा जाएगा और उसी दिन आंसर शीट भी जमा करनी होगी और हर हाल में दोपहर 03 बजे तक कॉलेज या यूनिवर्सिटी जहां भी परीक्षार्थी का केन्द्र हो वहां ये आंसर शीट जमा कर सकते हैं. घर बैठे आंसर लिखने के लिए करीब 07 घंटे का समय छात्रों को मिलेगा.
सेमेस्टर एग्ज़ाम्स को छोड़कर इस साल पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी की परीक्षा में 1 लाख 82 हजार से ज्यादा छात्र शामिल होने वाले हैं. जिनमें 46456 छात्र फाइनल ईयर की परीक्षा देंगे. कुलसचिव गिरिशकांत पाण्डेय ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा का असर ये भी हुआ है कि पिछले दो सालों में ऑनलाइन ब्लैंडेड मोड में परीक्षा देकर आंसर लिखने वाला कोई भी स्टूडेंट फेल नहीं हुआ और इसलिए इस साल यूनिवर्सिटी में 30 हजार छात्र बढ़ गये हैं.
ब्लैंडेड मोड में हुई परीक्षा में छात्र घर बैठकर किताब से ही उत्तर लिखकर जाते हैं.जिससे नतीजों में ज्यादातर छात्र बंपर नंबर से पास होते हैं. हालांकि इससे उन छात्रों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जो गंभीरता से सालभर पढ़ाई करते हैं. इस पैटर्न से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र पूरे सत्र के दौरान कितना ज्ञान ले पाए यह तो आने वाले समय में दी जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की सफलता में उन्हें पता चलेगा.