कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Corona New Variant Omicron) की वजह से पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामलों में एक बार फिर उछाल आई है. भारत में दैनिक मामलों की संख्या 3 लाख को पार कर गई है. ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर अभी भी रिसर्च जारी है. इस बीच ओमिक्रॉन पर एक रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है कि ओमिक्रॉन (Omicron Viral Load) और डेल्टा का वायरल लोड (Delta Viral Load) लगभग समान है. यह वेरिएंट डेल्टा की तुलना में ज्यादा मात्रा में वायरल लोड जारी नहीं कर सकता.
ओमिक्रॉन वेरिंट की ट्रांसमिशन क्षमता डेल्टा के मुकाबले कई गुना अधिक है जिस वजह से यह ज्यादा तेज गति से लोगों को संक्रमित कर रहा है क्योंकि यह प्रतिरक्षा से बचाव में भी सक्षम है लेकिन इसमें वायरल लोड क्षमता काफी कम है. रिसर्च के परिणाम बताते हैं कि ओमिक्रॉन की संचरण क्षमता बड़ी मात्रा में संक्रमित लोगों से वायरस निकलने पर निर्भर नहीं करती. इसकी तेज गति से फैलने के पीछे सबसे बड़ा इसकी प्रतिरक्षा से बचाव करने की क्षमता है.
वायरल लोड को समझने के लिए रिसर्च में शोधकर्ताओं ने संक्रमित व्यक्तियों से एकत्र किए गए नाक और गले के स्वाब के परीक्षण के परिणामों का अध्ययन में पाया गया कि जो लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे उनमें ओमिक्रॉन से अधिक वायरल लोड पाया गया. हार्वर्ड टी एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ योनातन ग्रैड ने कहा कि मैं वास्तव में इस तरह के परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहा था.
स्विट्ज़रलैंड में जिनेवा विश्वविद्यालय के एक वायरोलॉजिस्ट बेंजामिन मेयर ने कहा, सामान्यतौर पर ऐसा लगता है कि उच्च ट्रांसमिसिबिलटी वाले वायरस में वायरल लोड अधिक होना चाहिए लेकिन अगर डेल्टा वेरिएंट और ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखें यह पूरी तरह से अलग है. 24 नवंबर 2021 को ओमिक्रॉन वेरिएंट पहली बार सामने आया था और इसके बाद से यह लगातार फैलता जा रहा है