उज्जवला 2.0 योजना (Ujjawala 2.0 Yojna) के तहत एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी सिलेंडर कनेक्शन देने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा योजना के दूसरे संस्करण की शुरुआत के पांच महीने के भीतर साल के अंत तक हासिल करने का है. 24 दिसंबर को यह संख्या लगभग 96 लाख थी और उज्ज्वला 2.0 के तहत दिए गए कनेक्शनों में से आधे से अधिक पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में हैं. तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) शासित पश्चिम बंगाल में जहां 20 लाख से अधिक कनेक्शन दिए गए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में लाभार्थियों को 15 लाख से अधिक कनेक्शन दिए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश के महोबा से उज्जवला 2.0 का शुभारंभ किया. इससे पहले उज्ज्वला 1.0 योजना (Ujjwala 1.0 Yojana) के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए थे.
ऐसे ही हासिल कर लिया गया था उज्जवला 1.0 योजना का लक्ष्य
गरीब परिवार की महिला सदस्य के नाम पर गैस कनेक्शन दिया जाता है. उज्ज्वला 2.0 योजना उन कम आय वाले परिवारों को कवर करने के लिए पीएम द्वारा शुरू की गई थी जो उज्ज्वला 1.0 योजना के तहत कवर नहीं किए जा सकते थे. उज्जवला 1.0 योजना के 8 करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य भी अगस्त 2019 में लक्ष्य तिथि से सात महीने पहले हासिल किया गया था. उज्ज्वला 2.0 योजना के तहत, प्रवासी परिवारों के लिए कोविड महामारी को देखते हुए नए एलपीजी कनेक्शन का लाभ उठाने के लिए एक विशेष प्रावधान भी किया गया था. स्व-घोषणा प्रस्तुत करने का विकल्प दिया जा रहा है जिसे पते/पारिवारिक संरचना के वैध प्रमाण के रूप में स्वीकार किया गया था.
उज्ज्वला योजना के खिलाफ विपक्ष का मुख्य आरोप यह है कि लोग सिलेंडर की बढ़ती कीमत को देखते हुए रिफिल के लिए नहीं आ रहे हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में उज्ज्वला 1.0 के तहत कनेक्शन पाने वाले उज्ज्वला लाभार्थियों में से 84% फिर से भरने के लिए वापस आ गए हैं. सरकार का कहना है कि 2019-20 में केवल 3 रिफिल की तुलना में इन लाभार्थियों की औसत खपत भी 2020-21 में बढ़कर 4.39 रिफिल हो गई है