निवेश हो या बीमा या फिर बैंक अकाउंट, इन सभी में नॉमिनी का नाम दर्ज होना जरूरी है. नॉमिनी होने बीमाधारक या खाताधारक के ना होने की दशा में उस पर निर्भर परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं कि किसी व्यक्ति ने काफी समय पहले पॉलिसी खरीदी थी, अब वह उसमें नॉमिनी का नाम दर्ज करवाना चाहता है, लेकिन पॉलिसी के कागजात नहीं मिल रहे हैं.
दिल्ली के करोल बाग में रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि उन्होंने 15 साल पहले सिंगल प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी. अब वह उसमें नॉमिनी का नाम अपडेट कराने चाहते हैं, लेकिन पॉलिसी दस्तावेज़ नहीं मिल रहे हैं. पॉलिसी का कोई विवरण नहीं है. उन्होंने बीमाकर्ता का नाम भी याद नहीं आ रहा है. समस्या है कि अब उन्हें मुझे क्या करना चाहिए?
आयकर रिटर्न की स्टडी
यहां एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे में व्यक्ति को अपने पुराने आयकर रिटर्न की स्टडी करनी चाहिए. यह संभावना है कि आपने जीवन बीमा के प्रीमियम के लिए आयकर कटौती का दावा किया हो. ऐसे में आपको इंश्योरेंस प्रीमियम की राशि और वर्ष का पता चल जाएगा. प्रीमियम भुगतान की गई वास्तविक राशि और बीमाकर्ता के नाम के लिए बैंक खाते के विवरण को स्कैन कर सकते हैं.