कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Coronavirus Omicron Variant) के केस भारत में मिलने के बाद चारों तरफ डर का माहौल है. सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज (Corona vaccine Booster Dose) लगाई जाएगी? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा, ‘लोगों को वैक्सीन की बूस्टर दी जानी है या नहीं इस पर फैसला वैज्ञानिकों की सलाह पर किया जाएगा.’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के सभी वेरिएंट से बचाव के लिए बच्चों का वैक्सीनेशन कब तक किया जाएगा इसका फैसला वैज्ञानिकों की सलाह के बाद ही किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जिन देशों को रिस्क कैटेगरी में रखा गया है, वहां से आने वाले 16000 यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया गया है. इनमें से 18 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि राहत की बात ये है कि इनमें से किसी भी व्यक्ति में गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं.
वैक्सीन की बूस्टर डोज पर क्या बोले वैज्ञानिक?
वैक्सीन की बूस्टर डोज के बारे में टॉप जीनोम साइंटिस्ट ने कहा है कि 40 साल से ऊपर के लोगों को यह दी जानी चाहिए. इसमें फोकस उन पर रखा जाए, जिन्हें खतरा ज्यादा है. इंडियन सार्स-कोविड-2 जेनेटिक कंसोर्शियम (INSACOG) के बुलेटिन में बूस्टर डोज की सिफारिश की गई है.
बूस्टर डोज पर पॉलिसी कब तक?
देश की कोविड टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि सरकार गंभीर रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए वैक्सीन की एडिशनल डोज (बूस्टर डोज) पर नई पॉलिसी लाने जा रही है. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAG) इस पॉलिसी को 2 हफ्ते में तैयार करेगा. NTAG देश के 44 करोड़ बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए भी नई पॉलिसी लाने जा रहा है.