अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को लेकर एक किताब में चौंकाने वाला दावा किया गया है. व्हाइट हाउस (White House) के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ की एक नई किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप पिछले साल सितंबर में अपने पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट (US Presidential Debate) से ठीक तीन दिन पहले कोरोना वायरस (Coronavirus Positive) से संक्रमित हो गए थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट को नेगेटिव में बदल दिया गया, ताकि वो जो बाइडन (Joe Biden) के साथ डिबेट में हिस्सा ले सके.
व्हाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज की किताब की एक कॉपी ‘द गार्डियन’ के हाथ लगी है. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है. मीडोज का कहना है कि ट्रंप 26 सितंबर, 2020 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. ये वही दिन है, जब उन्होंने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में सुप्रीम कोर्ट के उम्मीदवार एमी कोनी बैरेट के लिए एक समारोह की मेजबानी की थी, जिसे बाद में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा एक सुपर स्प्रेडर (Supre Spreader) कार्यक्रम माना गया.
इस कार्यक्रम में शामिल हुए कम से कम 12 लोग संक्रमित पाए गए थे. मीडोज के अनुसार, ट्रंप ‘थोड़े थके हुए’ लग रहे थे. इसके बाद व्हाइट हाउस के डॉक्टर सीन कॉले ने मीडोज को फोन करके कहा, ‘राष्ट्रपति को जाने से रोको. वो अभी कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.’
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मीडोज ने ट्रंप से मिस्टर प्रेसिडेंट, मुझे कुछ बुरी खबर मिली है. आपकी कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इतना सुनते ही ट्रंप ने जवाब दिया, ओह. मीडोज की किताब में आगे कहा गया है कि बाद में ट्रंप की रिपोर्ट को पॉजिटिव से नेगेटिव किया गया. फिर 29 सितंबर 2020 को क्लीवलैंड में ट्रंप राष्ट्रपति उम्मीदवार बाइडन संग बहस में शामिल हुए.
ट्रंप ने दो बार कराई थी जांच
मीडोज ने अपनी किताब में दावा किया है कि जिस जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसे पुराने मॉडल किट से किया गया था. बाद में उनका एंटिजन टेस्ट किया गया, इस बार रिपोर्ट निगेटिव थी. हालांकि, पहली जांच एंटीजन थी या पीसीआर इस बारे में अभी पता नहीं चल सका है. अमेरिका के खाद्य व औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) के दिशा निर्देशों के अनुसार, बाइनेक्स टेस्ट निगेटिव आने का ये मतलब नहीं है कि किसी को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है. ऐसे में इस तरीके को संक्रमण नियंत्रित करने या अपनी मर्जी से इलाज करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ट्रंप की दूसरी जांच इसी तरीके से हुई थी.