केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) अब एम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है. दरअसल, मोदी सरकार पीएफ खाताधारकों की न्यूनतम पेंशन की राशि में जल्द बढ़ोतरी (Pension Hike) कर सकती है. ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक (CBT Meeting) जल्द ही होने वाली है. इसमें कई बड़े बड़े मसलों पर चर्चा के बाद फैसला लिया जा सकता है. इस बैठक का मुख्य एजेंडा पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाने पर फैसला लेना है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये करने की मांग की है. माना जा रहा है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इसे 3,000 रुपये तक कर सकता है. ईपीएफओ के पैसे को निजी कॉरपोरेट बॉन्ड्स (Private Corporate Bonds) में निवेश करने के विवादास्पद मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा होगी. साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेंशन फंड की ब्याज दर (Interest on Pension Fund) पर भी फैसला लिया जा सकता है.
तैयार किए जा रहे हैं सीबीटी की बैठक के मुद्दे और एजेंडा
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने का फैसला कर सकता है. माना जा रहा है कि ईपीएफ में जमा रकम पर 8.5 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर (Interest on EPF) जारी रह सकता है. मौजूदा ब्याज दर में कोई बदलाव होने की संभावना कम है. सीबीटी की बैठक पहले 16 नवंबर को होनी थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया. अभी बैठक के मुद्दे और एजेंडे तैयार होना बाकी है.
पिछली बैठक में की गई थी ब्याज बढ़ाने की सिफारिश
सीबीटी की आखिरी बैठक मार्च 2021 में श्रीनगर में हुई थी. सीबीटी ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा राशि पर 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी. इसे वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने हाल में मंजूरी दे दी है.