रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों (RBI Rules) के मुताबिक कोई बैंक कटे-फटे करेंसी नोट (Mutilated Currency Notes) बदलने से इनकार नहीं कर सकता है. यही नहीं, इन पर बट्टा भी नहीं काटा जाएगा. अगर कोई बैंक ऐसा करने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. लिहाजा, अगर आपके पास कटे-फटे करेंसी नोट हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपको उसके बदले में पूरा मूल्य मिलेगा. आइए जानते हैं कि रिजर्व बैंक के नियम इस बारे में क्या कहते हैं?
रिजर्व बैंक (RBI) ने कटे-फटे करेंसी नोट बदलने के दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं. कटे-फटे करेंसी नोट देश के किसी भी बैंक में बदलवाए जा सकते हैं. इसके लिए आपका होम ब्रांच जाना ही जरूरी नहीं है. बेशक ऐसे करेंसी नोट बदलने से मना करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें भी हैं. बता दें कि नोट जितनी बुरी हालत में होगा, उसकी कीमत उतनी ही कम होती जाएगी.
क्या हैं नोट बदलने के नियम?
अगर आपके पास 5, 10, 20, 50 जैसे कम मूल्य के कटे-फटे करेंसी नोट हैं तो इनका कम से कम 50 फीसदी हिस्सा होना जरूरी है. ऐसा होने पर आपको उस करेंसी नोट का पूरा मूल्य मिलेगा. वहीं, 50 फीसदी से कम हिस्सा होने पर आपको कुछ भी नहीं मिलेगा. उदाहरण से समझें तो अगर आपके पास 5 रुपये का कटा-फटा नोट है और उसका 50 फीसदी हिस्सा सुरक्षित है तो आपको बदले में पूरे 5 रुपये मिलेंगे.
रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगर आपके पास 20 से ज्यादा कटे-फटे हुए नोट हैं और उनका कुल मूल्य 5,000 रुपये से ज्यादा है तो बदलवाने पर ट्रांजैक्शन फीस भी देनी होगी. नोट बदलवाने के लिए जाने से पहले देख लें कि उसमें गांधीजी का वाटरमार्क, गवर्नर के साइन और सीरियल नंबर जैसे सिक्योरिटी सिंबल्स दिखने चाहिए. अगर आपके पास मौजूद फटे नेाट में ये सभी सिंबल्स हैं तो बैंक को करेंसी नोट बदलना ही होगा.
कई टुकड़ों में बंटे नोट कैसे बदलेंगे?
आरबीआई ने बहुत ज्यादा टुकड़ों में बंट गए करेंसी नोट को बदलवाने के भी नियम बनाए हैं. हालांकि, इसके बदलने नए नोट मिलने की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. दरअसल, इसके लिए आपको आरबीआई की ब्रांच में पोस्ट से ये नोट भेजने होंगे. इसमें आपको अपने अकाउंट नंबर, ब्रांच का नाम, आईएफएससी कोड, नोट की कीमत की जानकारी भी देनी होगी.
रिजर्व बैंक फटे नोटों का क्या करता है?
रिजर्व बैंक आपसे लिए गए कटे-फटे करेंसी नोटों को प्रचलन से हटा देता है. इसकी जगह नए नोटों को छापने की जिम्मेदारी भी आरबीआई की ही होती है. पहले इन नोटों को जला दिया जाता था. हालांकि, अब इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर री-साइकल किया जाता है. इन नोटों से फिर पेपर प्रोडक्ट्स बनवाए जाते हैं. फिर इन प्रोडक्ट्स को बाजार में बेच दिया जाता है.