जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में सोमवार को आंतकी हमले (Terrorist Attack) में पांच जवान शहीद हो गए हैं. इनमें एक जूनियर कमांडिंग ऑफिसर भी हैं. आतंकियों के साथ सेना की मुठभेड़ जारी है. दरअसल आतंकियों की घुसपैठ का इनपुट रविवार रात को ही मिल गया था. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने 16 आरआर (सेना) को सूचित किया. चारों तरफ से इलाके को घेरा गया लेकिन भारी बारिश और घनी धुंध के बीच ये ऑपरेशन मेन रोड से लगभग 8 किलीमीटर भीतर चोरगली में शुरू हुआ.
पूरी रात सर्च ऑपरेशन चलता रहा और सुबह लगभग 10-11 के बीच पहाड़ी से नीचे उतर रहे जवानों पर आतंकियों ने अधांधुध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमे पांच जवान गंभीर रूप से घायल हुए. दोनों तरफ से भारी गोलीबारी शुरू हुई. जवानों को रेस्क्यू कर उन्हें नजदीकी सेना अस्पताल लाया गया. यहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया. फिलहाल फायरिंग रुकी हुई है और सर्च ऑपरेशन जारी है.
चार आतंकी
बताया जा रहा है कि करीब चार आतंकी हैं. दो दिन पहले ये लोग घुसपैठ कर पहुंचे थे. आतंकियों के चार-चार के दो ग्रुप थे जिसमें से एक ग्रुप ने पिछले महीने घुसपैठ की थी. जिसमे दो आतंकी थन्ना मंडी इलाके में मारे गए थे, दो आतंकी निकल गए थे. आज भी चार का ग्रुप है जो कि पुंछ व राजौरी के मध्य पड़ने वाले इलाके डेरा की गली को क्रास करते हुए बफ्लियाज में पहुंच थे.
घुसपैठ का पुराना रूट एक्टिवेट करने की कोशिश
कुछ दिनों पहले कश्मीर में पाकिस्तान से घुसपैठ कर रहे 3 आतंकियों को सेना ने मार गिराया था. घटना रामपुर सेक्टर के रुस्तम बटालियन एरिया के हथलंगा जंगल के करीब की थी. आतंकियों के पास से भारी संख्या में हथियार भी बरामद किए गए. तब आशंका जाहिर की गई थी कि आतंकी घुसैपठ का पुराना रूट दोबारा अख्तियार कर रहे हैं. रुस्तम बटालियन के हथलंगा इलाके में करीब 15 साल बाद घुसपैठ की घटना सामने आई थी.
सूत्रों के मुताबिक साल 2005 में हुई एलओसी पर फेंसिंग के बाद से इस इलाके में आतंकी घुसपैठ की कोशिशें न के बराबर ही रही हैं. इस इलाके में मौजूद भारतीय सेना की पोस्ट से आतंकियों की हर हलचल आसानी से मॉनिटर की जा सकती है.