देश की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की दो डोज वाली कोविड वैक्सीन को तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ZyCoV-D की दो डोज वाली वैक्सीन के तीसरे फेज ट्रायल की अनुमति दी है. इस बात की जानकारी फार्मा कंपनी की तरफ से दी गई है. ZyCoV-D पहली डीएनए वैक्सीन है.
ZyCoV-D को पहले ही 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में इमरजेंसी यूज की अनुमति दी जा चुकी है. बच्चों को जो वैक्सीन लगाई जाएगी वो तीन डोज की है. बीते 20 अगस्त को DCGI ने तीन डोज वाली वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी थी.
28000 हजार लोगों पर हुआ था ट्रायल
कंपनी ने कहा था कि उसकी रणनीति सालाना वैक्सीन की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है और अभी से वैक्सीन का स्टॉक बनाना शुरू हो गया है. जाइडस कैडिला ने अपनी तीन डोज वाली वैक्सीन को देशभर में 28000 से अधिक स्वयंसेवक पर ट्रायल किया था. परीक्षण के दौरान वैक्सीन वायरस के खिलाफ 66.6 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई थी. Zydus ने डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर वैक्सीन बनाई है.
कीमत को लेकर जारी बातचीत
माना जा रहा है कि कंपनी अपनी इस तीन खुराक वाली वैक्सीन के लिए 1900 रुपये मांग रही है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार लगातार वैक्सीन जॉयकोव-डी की कीमत को कम कराने की कोशिश कर रही है. इस बारे में जल्द ही कोई बड़ा फैसला आ सकता है.
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कहा था कि दुनिया की इस पहली डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन को जल्द ही नेशनल वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इस वैक्सीन की विशेषता यह है कि यह बगैर सुई के इस्तेमाल के लगाई जाएगी. कंपनी का कहना है कि जॉयकोव-डी का मूल्य कोवैक्सीन और कोविशील्ड से अलग होना चाहिए, क्योंकि इसे लगाने के लिए सुई मुक्त जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल होगा. इस इंजेक्टर का मूल्य 30 हजार रुपये है. इसकी मदद से करीब 20 हजार लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा सकती है.