Home राष्ट्रीय पाकिस्तान बॉर्डर के पास जालोर में गरजे सुखोई-30 और जगुआर

पाकिस्तान बॉर्डर के पास जालोर में गरजे सुखोई-30 और जगुआर

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भारत-पाकिस्तान बार्डर (India-Pak border) से केवल 40 किलोमीटर दूर स्थित राजस्थान की बाड़मेर-जालोर सीमा पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925 के गांधव-बाखासर सेक्शन पर तीन किलोमीटर लंबी इमरजेंसी लेंडिग फील्ड (Emergency lending field) का उद्घाटन किया. इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टि से एक नया अध्याय जुड़ गया. इस दौरान इस पट्टी पर वायुसेना (Air force) के विमान सुखोई-30 और जगुआर ने लैंडिंग की और फिर से उड़ान भरी.

इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हमारा देश अपनी आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है. 1971 की विजय का ‘स्वर्णिम वर्ष’ मना रहा है. साथ ही यह स्थान, उत्तरलाई, जहाँ हम सभी उपस्थित हुए हैं, यह स्वयं 1971 की विजय का साक्षी रहा है.

लेंडिंग फील्ड से सुरक्षा के प्रति विश्वास भी बढ़ा
ऐसे में यहां इस emergency landing field का निर्माण, मन में उत्साह भी पैदा करता है. साथ ही सुरक्षा के प्रति एक विश्वास भी. इसलिए आज का यह दिन हम सबके लिए एक खास दिन है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही कदम पहले, इस फील्ड का निर्माण कर आप लोगों ने यह साबित कर दिया कि भारत की सुरक्षा के लिए हम लोग कितने तैयार हैं.
कोरोना काल में 19 माह में ही बनकर हुआ तैयार
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि तीन किलोमीटर लंबा यह stretch, Covid जैसी महामारी के बीच भी महज 19 माह में बनाकर तैयार कर दिया गया. यह हाईवे और landing field, देश की पश्चिमी सीमा पर आधारभूत संरचना के साथ-साथ, सुरक्षा को और भी मज़बूत करेगा. न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि उसके साथ-साथ यह प्राकृतिक आपदाओं में भी अपनी अहम् भूमिका निभाएगा. ऐसा मेरा विश्वास है.

प्राकृतिक आपदाएं भी युद्धकाल से कम नहीं होतीं
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में राहत पहुंचाने की बात जब मैं करता हूँ तो मैं समझता हूं कि वह स्थिति भी किसी युद्धकाल से कम नहीं होती है. उसमें भी हमारी सेनाएं उसी त्याग, संकल्प और समर्पण का उदाहरण देती हैं, जैसा युद्ध के समय होता है. हमारी सरकार ने शुरुआत से ही देशभर में न केवल सड़कां और हाइवे का जाल बिछाया, बल्कि स्ट्रैटेजिक और सिविल दृष्टि से महत्वपूर्ण जगहों पर इस तरह की emergency landing fields के निर्माण का भी पूरा ध्यान रखा है.

भारतमाला परियोजना 550 जिलों को जोड़ेगी
राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘भारतमाला परियोजना’ इसी तरह की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह देश के साढ़े पाँच सौ जिलों को एक साथ जोड़ते हुए, उनके बीच लोगों और सामानों की आवाजाही को सुगम बनाएगी. इस मौके पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपनी बात रखी.

इमरजेंसी लेंडिंग फील्ड की ये है खासियत
भारत—पाक सरहद से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है
तीन किमी लंबी और 33 मीटर चौड़ी है ईएलएफ
जुलाई—19 में काम शुरू, 19 माह में बनकर तैयार
ईएलएफ के निर्माण में 32.95 करोड़ की आई लागत
पश्चिमी सीमा पर सेना का निगरानी तंत्र मजबूत होगा