तालिबान (Taliban) की बढ़ती ताकत से अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात बदतर होते जा रहे हैं. तालिबान एक के बाद एक शहर पर कब्जा जमा रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने मंगलवार को तीन और शहरों पर कब्जा हासिल कर लिया. ये शहर पुल-ई-खुमरी, फैजाबाद और फराह हैं. अब तालिबान की नज़र यहां के चौथे सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ पर है. भारत ने मंगलवार को ही यहां के ज्यादातर हिस्सों से अपने नागरिकों को निकालने का फैसला किया है. इसके लिए स्पेशल फ्लाइट भी भेजी गई है. तालिबान के डर से अब तक लगभग 1 लाख 54 हजार लोग विस्थापित हुए हैं.
क्रिकेटर राशिद खान ने दुनिया से मांगी मदद
अफगानिस्तान में बदतर हालात के बीच क्रिकेटर राशिद खान (Rashid Khan) ने दुनिया से मदद की अपील की है. राशिद खान ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा-‘डियर वर्ल्ड लीडर्स. मेरा देश इस वक्त मुश्किल में है, हज़ारों निर्दोष बच्चे, महिलाएं, लोग शहीद हो रहे हैं, घर बर्बाद हो रहे हैं. हमें ऐसे संकट में छोड़कर ना जाएं. हम शांति चाहते हैं, अफगानियों की मौत होने से बचाइए.’
अमेरिका ने छोड़ा साथ
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी पर किसी भी तरह के बदलाव की गुंजाइश से साफ इनकार कर दिया है. बाइडन ने कहा, ‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले पर मुझे कोई अफसोस नहीं है. अफगान नेताओं और लोगों को अपने देश के लिए तालिबान से खुद लड़ना होगा. ये उनका ही संघर्ष है.’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘हमने हजारों अमेरिकी सैनिकों को खो दिया. अफगान नेताओं को साथ आना होगा. उन्हें अपने और देश के लिए लड़ना होगा. हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जारी रखेंगे, लेकिन मुझे अपने फैसले (अफगानिस्तान से सेना को बाहर निकालने पर) पर खेद नहीं है. तालिबान अफगानिस्तान के बड़े हिस्सों में काबिज होता जा रहा है.’
इन शहरों पर भी तालिबान का कब्जा
तालिबान ने इससे पहले 6 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया था. इसमें समांगन प्रांत, कुंदूज, सर-ए-पोल, तालोकान शामिल है. वहीं, दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया है. उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से लगे नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान पर भी भीषण लड़ाई के बाद तालिबान का कब्जा हो गया है.
22,000 से ज्यादा परिवार पलायन को मजबूर
इस बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में 22,000 से अधिक परिवारों को कंधार में तालिबान के हमले के बाद लड़ाई से बचने के लिए अपना घर छोड़ना पड़ा है. 650,000 की आबादी का कंधार शहर, काबुल के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. मई के बाद से दिन-ब-दिन हिंसा बढ़ती जा रही है. विदेशी सैनिकों की अंतिम वापसी की शुरुआत के कुछ दिनों बाद तालिबान द्वारा शुरू किए गए बड़े हमले पिछले कुछ दिनों में बहुत बढ़ गए हैं.