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महामारी के बाद के डिजिटल युग में भारत के पास डिजिटल सुपरपावर बनने की बड़ी क्षमता

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डिजिटल क्षेत्र के दिग्गज माने जाने वाले नितिन सेठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी भारत को डिजिटल सुपरपावर के रूप में उभरने की दिशा में मदद कर सकती है। इस विषय पर आई उनकी एक किताब महामारी के बाद के डिजिटल युग में इस क्षेत्र की चुनौतियों को समझने और 21वीं सदी में इस क्षेत्र में भारत के शीर्ष स्थान पर पहुंचने का रास्ता बताती है।

‘विनिंग इन द डिजिटल एज: सेवन बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ ए सक्सेसफुल डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन’ में सेठ मैकिंजी और फिडेलिटी तथा देश की कंपनी फ्लिपकार्ट और इंसोडो में नेतृत्व के अपने अनुभवों को एक जगह साथ लाते हैं। वह इसमें व्यावहारिक उदाहरणों के जरिए यह बताते हैं कि डिजिटल युग में कैसे कंपनियां और प्रतिष्ठान चुनौतियों को पार पाते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और एक लहर के बाद दूसरी लहर पूरी दुनिया के लिए बेहद कष्टदायी है लेकिन अगर कारोबार के लिहाज से देखा जाए तो इसने उतना नुकसान नहीं पहुंचाया, जिस तरह के डर के कयास लगाए गए थे।

उनकी इस किताब का प्रकाशन पेंग्विन रैंडम हाउस ने किया है और इसमें वह डिजिटल युग के मुख्य आयाम को वीयूसीए (वोलाटाइल, अनसर्टेन, कॉप्लेक्स और एम्बिग्यूअस- यानी अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट) के जरिए समझाते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में महामारी की वजह से बहुत भयानक स्थिति पैदा हुई लेकिन सबसे अच्छी बात हुई कि इसने इसका मज़बूती से प्रतिकार किया।

उन्होंने कहा, ” मुझे यह विश्वास है कि इस डिजिटल युग में भारत न केवल सिर्फ़ मज़बूती से आगे बढ़ेगा बल्कि इसके भीतर वैश्विक सुपरपावर में से एक बनने की बड़ी क्षमता है।