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Covid-19 Third Wave: क्या देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है? जानें क्या कहते हैं आंकड़े

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस हफ्ते कहा था कि दुनिया कोविड-19 की तीसरी लहर के शुरुआती दौर में है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की स्टडी समेत कई अध्ययनों में पता चला है की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आ सकती है. हालांकि, अगर हम कोविड डेटा को ध्यान से देखेंगे, तो पता लगेगा की देश में तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का डेटा बताता है कि 7 जुलाई को भारत में 55 दिनों बाद मामले बढ़े थे. उस दिन 784 एक्टिव केस के साथ सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 4 लाख 60 हजार 704 पर पहुंच गई थी. 14 जुलाई यानि महज एक हफ्ते में ही दूसरी बार एक्टिव केस में 2 हजार 95 की बढ़त हुई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 73 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है. इसका मतलब है कि जांच करा रहे प्रति 100 लोगों में से 10 में संक्रमण की पुष्टि हो रही है. इनमें से 47 जिले उत्तर-पूर्व में हैं. नीति आयोग के डॉक्टर वीके पॉल ने कहा था कि मामलों की गिरावट में कमी होना चेतावनी भरा संकेत है.

एक्टिव केस कम होने की दर में गिरावट– 27 मई को पूरे हुए सप्ताह में एक्टिव केसलोड 22.61 फीसदी की कमी आई. 28 मई से 3 जून और 4 जून से 10 जून के बीच अगले दो हफ्तों में यह आंकड़ा 30.18 फीसदी और 31.44 प्रतिशत पर था. लेकिन इसके बाद एक्टिव केस कम होने की दर में हर हफ्ते गिरावट आ रही है. 24 जून को खत्म हुए हफ्ते में कोविड-19 के एक्टिव केस में 23.26 फीसदी की कमी आई, जो 1 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में गिरकर 16.84 फीसदी पर पहुंच गई. 8 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में यह दर 10 फीसदी और 15 जुलाई को पूरे हुए पिछले सप्ताह में आंकड़ा 6.17 फीसदी पर आ गया था. फिलहाल, देश में एक्टिव केस की संख्या 4 लाख 30 हजार 422 है. इस महीने 12 जुलाई को संक्रमण के नए सबसे कम 32 हजार 906 मामले मिले थे. लेकिन इसके बाद से मरीजों की संख्या में इजाफा जारी है. रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या 40 हजार को छू रही है. इसके अलावा रोज स्वस्थ हो रहे मरीजों की संख्या अभी भी नए मामलों की तुलना में ज्यादा बनी हुई है. हालांकि, यह स्केल भी तेजी से कम हो रहा है.

किन राज्यों में ज्यादा हैं परेशानियां– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों- केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर बैठक की थी. देश में मिले कुल मामलों का 80 फीसदी और मौत का 84 फीसदी इन राज्यों में है. इनमें से आधे से ज्यादा एक्टिव और रोज मिल रहे मरीजों की संख्या केरल और महाराष्ट्र में है. साथ ही अन्य राज्यों की तुलना में इन 6 राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़त की दर काफी ज्यादा है. 14 जुलाई को केरल में एक महीने में सबसे ज्यादा 15 हजार 637 मामले मिले थे. इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित जिले मलप्पुरम में 1867, कोझिकोड में 1674, एर्नाकुलम में 1517, थ्रिसूर में 1390 और कोलम में 1100 मरीज हैं. राज्य में 3 लाख 95 हजार 560 मरीज कोविड निगरानी में हैं. देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस वाले राज्यों में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है. यहां 1 लाख 10 हजार 505 यानि भारत के सक्रिय मामलों का 25.67 प्रतिशत है. राज्य में पॉजिटिविटी रेट 3.7 प्रतिशत है. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 1.99 फीसदी है. पुणे, ठाणे, सांगली, कोल्हापुर और मुंबई राज्य के सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से हैं.

उत्तर पूर्वी राज्य– देश के 7 फीसदी एक्टिव केस उत्तर-पूर्वी राज्यों में हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा जैसे बड़े राज्यों की तुलना में उत्तर-पूर्वी राज्यों में एक्टिव केसलोड काफी ज्यादा है. 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां करीब 4.55 करोड़ लोग रहते हैं यानि देश की आबादी का कुल 3.76 प्रतिशत.

88 करोड़ लोगों को अभी भी नहीं लगा है टीका– भारत में अनलॉक का दौर लगभग पूरा होने को है. हालांकि, इस दौरान कोविड संबंधी व्यवहार को बड़े स्तर पर अनदेखा किया जा रहा है. जबकि, प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं और अधिकारियों समेत कई अधिकारी लगातार सावधानी रखने की अपील कर रहे हैं.ऐसे में इस संकट को संभालने के लिए केवल टीकाकरण ही एकमात्र उपाय नजर आ रहा है. रोज हो रहे टीकाकरण की औसत देखें, तो अगले महीने की शुरुआत में देश में अभी भी 46 करोड़ वयस्क और 88 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें टीका नहीं लगा है. ऐसे में अगर हमने रफ्तार नहीं पकड़ी, तो उन्हें इस घातक वायरस का जोखिम ज्यादा हो सकता है.