डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम ने कंपनी की भलाई के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत कंपनी ने बोर्ड में सभी चीनी नागरिकों को रिप्लेस कर अमेरिकी और भारतीय द्वारा बदल दिया है। जबकि मौजूदा शेयर होल्डिंग्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नियामक दस्तावेज के अनुसार, Alipay प्रतिनिधि जिंग जियानडोंग, एंट फाइनेंशियल के गुओमिंग चेंग, और अलीबाबा के प्रतिनिधि माइकल यूएन जेन याओ (अमेरिकी नागरिक) और टिंग होंग केनी हो अब कंपनी के निदेशक नहीं हैं।
कंपनी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पेटीएम के बोर्ड में अब कोई चीनी नागरिक नहीं है। इसकी जगह अमेरिकी नागरिक डगलस फेगिन एंट ग्रुप की ओर से पेटीएम बोर्ड में शामिल हो गए हैं। कंपनी की फाइलिंग से पता चलता है कि बर्कशायर हैथवे के प्रतिनिधि टॉड एंथोनी कॉम्ब्स, सामा कैपिटल के अशित रंजीत लीलानी और सॉफ्टबैंक के प्रतिनिधि विकास अग्निहोत्री भी बोर्ड में शामिल हुए हैं। पेटीएम के शेयरधारकों में अलीबाबा का एंट ग्रुप (29.71 फीसदी), सॉफ्टबैंक विजन फंड (19.63 फीसदी), सैफ पार्टनर्स (18.56 फीसदी) और विजय शेखर शर्मा (14.67 फीसदी) शामिल है। कंपनी में एजीएच होल्डिंग, टी रो प्राइस, डिस्कवरी कैपिटल और बर्कशायर हैथवे की 10-10 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी है।
कंपनी में ये बदलाव उस वक्त किया गया है जब पेटीएम मार्केट में अपना आईपीओ उतारने की तैयारी में जुटा हुआ है। एक सूत्र ने कहा कि पेटीएम अपनी शुरुआती शेयर बिक्री के जरिए 16,600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 12 जुलाई को शेयरधारकों की मंजूरी लेने की उम्मीद है। इसे 1.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूल्यांकन मिलेगा। पेटीएम की आम बैठक 12 जुलाई को होनी है, जिसमें कंपनी नई इक्विटी जारी करके 12,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी ले सकती है। मौजूदा और पात्र शेयरधारकों द्वारा इक्विटी शेयरों की बिक्री से 4,600 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है।
सूत्र ने कहाए “कंपनी आईपीओ के जरिए लगभग 16,600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी ले सकती है। मौजूदा शेयरधारकों, पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने भी इस प्रक्रिया में अपने शेयर बेचने का विकल्प चुना है। कंपनी शीर्ष 10 सूचीबद्ध वित्तीय सेवा कंपनियों में से एक है। कंपनी अगले प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के लिए दस्तावेज दाखिल करने करने के लिए तैयारी कर रही है।