छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के चंदेनार गांव में प्रशासन ने बोर उत्खनन कर हैंडपंप लगवाया, तो ग्रामीण जश्न में झूम उठे। पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण इतने खुश हुए कि ढोल लेकर नाचने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि सालों बाद उन्हें गंदे पानी से निजात मिल रही है। इस इलाके के ग्रामीण अब तक चुआ (झिरिया) का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते थे।
अमूमन गांवों में अमूमन ग्रामीण किसी उत्सव या खुशी के मौके पर ढोल बजाते हैं।
सुबह से गांव में उत्सव जैसा माहौल, दिन भर मनाया जश्न
ग्रामीणों ने बताया कि जिस दिन उत्खनन हुआ था तब भी इसी तरह ढोल लेकर नाच उठे थे। अब यहां पंप लगाकर व्यवस्थित किया जा रहा है तब भी सुबह से ढोल लेकर पहुंचे व नाच कर अपनी खुशी का इजहार किया है। इस पारा में दिनभर जश्न का माहौल देखने को मिला। अमूमन गांवों में अमूमन ग्रामीण किसी उत्सव या खुशी के मौके पर ढोल बजाते हैं।
चुआ के पानी से बुझाते थे अभी तक प्यास
जिले के नक्सल प्रभावित चंदेनार गांव का सबसे बड़ा पारा लखमूपारा है। इस पारा के कई परिवार ऐसे हैं जो पीने के साफ पानी को तरसते थे। मजबूरन चुआ का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाया करते थे। सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के दिनों में आती थी। चुआ में नालियों का गंदा पानी आ जाता, जिसके चलते इस पारा के कई लोग बीमार हो जाते थे।
80 परिवारों के बीच थे तीन 3 हैंडपंप
ग्रामीणों ने बताया कि लखमूपारा में करीब 80 परिवार हैं। गांव का यह सबसे बड़ा पारा है। यहां 3 हैंडपंप जरूर थे, लेकिन फिर भी पानी की बड़ी समस्या थी। कलेक्टर से ग्रामीणों ने हैंडपंप की मांग की। इसके बाद पारा में दो नए हैंडपंप की व्यवस्था की गई है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को धन्यवाद भी दिया है। सचिव हिरमा अतरा ने बताया कि अब ग्रामीणों को समस्या नहीं होगी।