रायपुर। शहर के महत्वपूर्ण जल स्रोतों और ऐतिहासिक तालाबों के संरक्षण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, ग्रीन आर्मी के एक सक्रिय दल ने आज महापौर श्रीमती मीनल चौबे एवं सभापति से सौहार्दपूर्ण मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण भेंट के दौरान, टीम ने शहर के लगभग 150 तालाबों की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इन जीवनदायिनी जल निकायों के गहरीकरण, वैज्ञानिक जल शुद्धिकरण, उनके चारों ओर व्याप्त अवैध अतिक्रमणों को प्राथमिकता से हटाने, नियमित और प्रभावी सफाई सुनिश्चित करने, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, शहर की नालियों के दूषित जल को इन तालाबों में सीधे जाने से रोकने के लिए ठोस और दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता पर बल दिया गया।
ग्रीन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमिताभ दुबे ने महापौर को शहर के कुछ प्रमुख और ऐतिहासिक तालाबों, जिनमें बूढ़ा तालाब, महाराज बंध तालाब, शीतला तालाब, गजराज बांध तालाब, राजा तालाब एवं सरजू बांध तालाब प्रमुख हैं, की वर्तमान दयनीय स्थिति से व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया। उन्होंने इन महत्वपूर्ण जल निकायों के पारिस्थितिकीय और सामाजिक महत्व को रेखांकित करते हुए इन्हें बचाने के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने की पुरजोर अपील की इन तालाबों के ऐतिहासिक महत्व और शहर की जल प्रदाय में योगदान पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ग्रीन आर्मी के 50 समर्पित सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महापौर एवं सभापति के साथ रायपुर शहर की गंभीर जल समस्या, पर्यावरण के लिए खतरा बन चुके सिंगल यूज प्लास्टिक के व्यापक उपयोग, बढ़ते प्रदूषण के स्तर, प्रभावी कचरा प्रबंधन की आवश्यकता, वर्षा जल संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) की अनिवार्यता, शहर को हरा-भरा बनाए रखने के लिए व्यापक वृक्षारोपण अभियान, और समग्र रूप से पर्यावरण से जुड़े अन्य ज्वलंत विषयों पर गहन और रचनात्मक चर्चा की। टीम ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपने व्यावहारिक सुझावों सेभी अवगत कराया।
महापौर मीनल चौबे ने ग्रीन आर्मी के इस जागरूक और समर्पित प्रयास की हृदय से सराहना की और जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए ग्रीन आर्मी के साथ मिलकर कार्य करने की सहर्ष सहमति व्यक्त की। उन्होंने ग्रीन आर्मी द्वारा उठाए गए सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक और समयबद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाने में नागरिकों और स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया।