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संस्कृत के पुरातन समाचार पत्र सुधर्मा के संपादक संपत कुमार का निधन

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मैसुरु,। देश के पुरातन संस्कृत समाचार पत्रों में शुमार सुधर्मा के संपादक व प्रकाशक केवी संपत कुमार का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे। संपत कुमार व उनकी पत्नी विदुषी केएस जयलक्ष्मी को वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने पद्मश्री प्रदान किया था। यह सम्मान दोनों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सुधर्मा का प्रकाशन जारी रखने के लिए दिया गया था। वर्ष 2009 में सुधर्मा संस्कृत का पहला ई समाचार पत्र बना।

प्रेट्र के अनुसार, सुधर्मा को देश के एकमात्र संस्कृत समाचार पत्र माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपत कुमार के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें प्रेरक व्यक्तित्व बताया है। दैनिक समाचार पत्र सुधर्मा पिछले पांच दशकों से कर्नाटक से प्रकाशित हो रहा है। पंडित केएनवी अयंगर ने सुधर्मा का प्रकाशन 15 जुलाई, 1970 को मैसुरु से शुरू किया था। दो पन्नों के इस अखबार में सभी प्रकार की खबरें समाहित होती हैं। अयंगर के दूसरे पुत्र संपत कुमार ने उन्हीं से संस्कृत पत्रकारिता सीखी और 1990 में उनके निधन के बाद सुधर्मा के संपादक व प्रकाशक की जिम्मेदारी संभाली।

संस्कृत में दक्ष पत्नी जयलक्ष्मी ने उनका पूरा साथ दिया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि संपत कुमार को वर्ष 2016 में पहली बार दिल का दौरा पड़ा था और उसके बाद से ही वह कमजोर हो गए थे। सुधर्मा की इक्यावनवीं वर्षगांठ के एक पखवाड़े पहले वह अपने कार्यालय में थे तभी उन्हें दोबारा दिल का दौरा पड़ गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

साल 2020 में हुए थे पद्मश्री से सम्मानित

बताया जाता है कि ‘सुधर्मा’ विश्व का एकमात्र दैनिक संस्कृत समाचार पत्र है। संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान और कई चुनौतियों के बावजूद समाचार पत्र का प्रकाशन जारी रखने के लिए संपत कुमार और उनकी पत्नी के एस जयलक्ष्मी को 2020 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था।