साइबर अपराधी लोगों को कई तरह से ठगी का शिकार बना रहे हैं। कोरोना की वजह से हजारों की नौकरियां चली गईं। उनसे 50 लाख रुपए से अधिक ठग लिए गए। पीड़ितों ने जब गूगल में पार्ट टाइम जॉब पता लगाने की कोशिश की तो इसमें फ्लिपकार्ड के नाम से बनाए गए फर्जी लिंक मिले। खोलने इनमें सभी से जुड़ने के लिए कहा गया। जुड़ते ही ग्रुप में शामिल हो गए। इनमें 10-15 लोग पहले से थे और इनके प्रोफाइल में किसी में फ्लिपकार्ड के डायरेक्टर तो किसी के एमडी व किसी के में वरिष्ठ प्रबंधक लिखा हुआ था। इसमें फोन नंबर, पासवर्ड व वेरीफिकेशन कोड डालने के लिए बोला गया। यह आगे जारी रहा और फिर आया असली खेल। प्रोफाइल में वीआईपी वन से लेकर वीआईपी सिक्स तक के कैटेगरी के प्रोफाइल थे। वीआईपी वन में रहने के लिए एक खाते में ऑनलाइन 500 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था। इसके एवज में हर रोज 30 रुपए देने का झांसा दिया गया था। 250 तक, वीआईपी-3 में 10 हजार रुपए जमा करने पर 600-850 रुपए, वीआईपी-4 में 30 हजार रुपए डालने पर 2000 से 2500 रुपए, वीआईपी-5 में 1 लाख डालने पर 6000-7000 व वीआईपी-6 में 2 लाख जमा करने पर प्रतिदिन 40 हजार रुपए मिलने का झांसा दिया गया था।
ये ठगे गए, 500 से 1 लाख तक गंवाए : सोमा लहरी, प्रांतिक ज्योतिष, तुषार दास, संदीप दास, मोनिरा खातून, पूनम साय, मुनमुन सेन, चैताली, संजय, सयानी, नितेश, धवल, पपिया सिन्हा, असीम बैग, सुमाना सिंह, बिलास कुमार दत्ता सहित अन्य शामिल है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने 500 से 1 लाख रुपए तक की रकम गंवा दी।राजकिशोर नगर निवासी पीड़ित सोमा लहरी के अनुसार ग्रुप में शामिल ठग कभी फोन पर बात नहीं करते थे। केवल वाट्सअप से चैटिंग करते थे इसी तरह कथित चक्रवर्ती ने खुद को कंपनी का जीएम और एमडी बताया। इनमें से किसी ने कभी भी फोन से बात नहीं की। केवल वाट्सअप चैट करते थे। सोमा के अनुसार एक बार उन्होंने बात करने के लिए कहा तो मना कर दियाविड्राल की व्यवस्था नहीं थी, कहा गया 25 जून से सभी निकाल सकेंगे : इसमें सभी लोग करीब 2 माह से जुड़े हुए थे। जो जुड़े थे फायदे को देखते हुए अपने रिश्तेदारों को इसमें जुड़ने के लिए प्रेरित किया और सभी फंसते गए।