कोरोना के भयावह हालात के बीच नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injections) सप्लाई करने वाले आरोपी अब जबलपुर पुलिस (Jabalpur) की गिरफ्त में हैं. मुख्य आरोपियों को जबलपुर पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात से लेकर आयी है. इन में पुनीत शाह, कौशल वोरा गुजरात के, सपन जैन जबलपुर का और सुनील मिश्रा रीवा का है.
जेल में है मोखा परिवार
गुजरात से यहां पहुंचते ही जिला अस्पताल में चारों आरोपियों का मेडिकल चैकअप कराया गया. आज उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. पुलिस सभी आरोपियों की रिमांड लेकर इस बड़े रैकेट में कुछ और अहम राज आरोपियों से उगलवा सकती है. इस मामले में पहले ही सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा उसकी पत्नी और बेटे समेत अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर सोनिया खत्री शुक्ला और मैनेजर देवेश जेल में बंद हैं. सभी से निकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कई खोल बरामद किए जा चुके हैं .
और राज पता लगने की उम्मीद
लेकिन क्या यह नेटवर्क सिर्फ इतना ही था. यह सवाल अब भी सभी की जुबां पर है. पुलिस को उम्मीद है कि देश भर में 1 लाख नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर बेचने वाले इन आरोपियों से अभी और भी कई राज पता चलेंगे. मुख्य आरोपी पुनीत शाह, कौशल वोरा और सुनील मिश्रा ने क्या मध्यप्रदेश के सिर्फ दो शहरों में ही इंजेक्शंस की सप्लाई की या और भी शहरों में माल पहुंचाया गया.
2 शहरों में 1200 नकली इंजेक्शन
एक और महत्वपूर्ण खबर यह भी सामने आई कि मामले में गिरफ्तार किए गए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और फार्मासिस्ट देवेश चैरसिया पर लगे एनएसए को हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने कंफर्म कर दिया है. इस रैकेट के जरिए मध्य प्रदेश में कुल 12 सौ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने की अब तक बात सामने आई है. इसमें 500 इंजेक्शन जबलपुर और 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर में सप्लाई किये गए थे.