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CBSE-CISCE में 12वीं की बोर्ड परीक्षा होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आज

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कोविड-19 (Coronavirus In iNDA) मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (CISCE) की कक्षा 12वीं की परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार यानी सुनवाई करेगी. इस मुद्दे पर एक याचिका जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आयी थी जिसमें में कक्षा 12वीं के परिणाम एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर घोषित करने के लिए एक ‘उद्देश्यपूर्ण पद्धति’ तैयार करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

इससे पहले सोमवार को सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा था कि क्या उन्होंने याचिका की प्रति CBSE का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को दी है या नहीं. याचिकाकर्ता ने जब कहा था कि वह मामले के पक्षकारों को याचिका की की प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, ‘आप यह करें. हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे.’ पीठ ने कहा था, ‘हम याचिकाकर्ता को याचिका की अग्रिम प्रति प्रतिवादियों- केंद्रीय एजेंसी, CBSE, आईसीएसई और भारत के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को सौंपने की अनुमति देते हैं.’ इसने कहा, ‘इसे सोमवार को (31 मई) सुबह 11 बजे के लिए सूचीबद्ध करें.’

शिक्षा मंत्रालय ने की बैठक

याचिका में केंद्र, CBSE और CISCE को मामले में प्रतिवादी बनाने को कहा गया था. बता दें CBSE ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि को देखते हुए कक्षा 10 की परीक्षा रद्द करने और कक्षा 12 वीं की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी.शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में इस मुद्दे पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा किए गए प्रस्तावों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव मांगे थे. CBSE ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षा आयोजित करने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है.

बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किए

अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करना या संबंधित स्कूलों में छोटी अवधि की परीक्षा आयोजित करना जहां छात्र नामांकित हैं. शीर्ष अदालत में दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि देश में अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल और कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है और इसमें और देरी से छात्रों के भविष्य को अपूरणीय क्षति होगी.

याचिका में कहा गया है कि इसमें 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित करने संबंधी उपबंधों के संदर्भ में CBSE और CISCE द्वारा पिछले महीने जारी अधिसूचनाओं को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि राज्य का यह परम कर्तव्य है कि वह छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखे और साथ ही उनकी उच्च शिक्षा और करियर की संभावनाओं को बाधित न करे.

इसमें कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में कोविड-19 की स्थिति अधिक गंभीर है और प्रतिवादियों को कक्षा 12 के छात्रों के ग्रेडिंग / अंकों का आकलन करने के लिए पिछले वर्ष की तरह ही मानदंड अपनाना चाहिए.

CBSE, आईसीएसई कई विकल्पों पर कर रहा विचार

कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए CBSE और CISCE 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है. इनमें परीक्षाएं रद्द करना और वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति अपनाना या संक्षिप्त प्रारूप में परीक्षा कराना शामिल हैं.

एक सूत्र ने बताया, ‘अधिकतर राज्यों ने अगस्त में प्रमुख विषयों के लिए छोटी अवधि की परीक्षाओं के बारे में CBSE द्वारा प्रस्तावित विकल्प का समर्थन किया है. कोविड-19 स्थिति की अभी भी समीक्षा की जा रही है और परीक्षा रद्द करना और पिछली परीक्षाओं के आधार पर छात्रों को अंक देने समेत कई विकल्पों पर अभी भी विचार किया जा रहा है.’

इस बीच, सीआईसीएसई बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों से कक्षा 11 में और इस सत्र के दौरान कक्षा 12 वीं के छात्रों द्वारा प्राप्त औसत अंक जमा करने को कहा है. हालांकि, बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या परीक्षा रद्द होने की संभावना है. वहीं, स्कूलों ने बोर्ड द्वारा निर्धारित सात जून की समय सीमा को पूरा करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है.

हालांकि, शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है और एक जून तक अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी. मंत्री पहले ही जोर देकर कह चुके हैं कि छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता है लेकिन ये परीक्षाएं भी महत्वपूर्ण हैं.’