पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के सोमवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को रिपोर्ट करने की संभावना कम है क्योंकि राज्य सरकार से अभी उन्हें मंजूरी नहीं मिली है. यह जानकारी एक उच्च पदस्थ सूत्र ने दी. सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले ही उनके अचानक स्थानांतरण से बड़ा विवाद पैदा हो गया है.
सूत्र ने बताया कि रविवार को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में ही बंद्योपाध्याय मौजूद थे. सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अभी तक बंद्योपाध्याय को पश्चिम बंगाल सरकार ने ड्यूटी से मुक्त नहीं किया है…सोमवार के कार्यक्रम के मुताबिक अपराह्न तीन बजे मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई समीक्षा बैठक में वह हिस्सा ले सकते हैं.’’
केंद्र ने शुक्रवार की रात अचानक बंद्योपाध्याय की सेवाएं मांगीं और राज्य सरकार से कहा कि शीर्ष नौकरशाह को तुरंत वहां से मुक्त किया जाए.
बंद्योपाध्याय 60 वर्ष की उम्र पूरा करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे. बहरहाल, कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था.
बता दें कि केंद्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया. इससे कुछ दिन पहले राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का केंद्रीय आदेश जारी किया गया था.