मध्यप्रदेश के शहडोल में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां एक किसान को पुलिस ने जमीन पर घसीटते हुए लात-घूंसों से पीटा। किसान गेहूं बेचने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली से खरीदी केंद्र पर जा रहा था। उसने पुलिस को कागज भी दिखाए, लेकिन पुलिस नहीं मानी। पुलिस की बर्बरता का VIDEO भी वायरल हो रहा है। पुलिस इस दौरान खुद सोशल डिस्टेंसिंग भूल गई।
पुलिस ने अपने बचाव में कहा कि वह आदतन अपराधी है और लाॅकडाउन का उल्लंघन कर रहा था। SDOP ब्यौहारी भविष्य भास्कर ने कहा कि उसके खिलाफ हत्या, लूट और मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। लेकिन कितने मामले दर्ज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि थानों से जानकारी लेनी पड़ेगी।
पीड़ित किसान सत्येंद्र द्विवेदी पुलिस की बर्बरता की शिकायत लेकर एसपी शहडोल कार्यालय पहुंचे। शिकायत में आरोप लगाया कि मैसेज आने के बाद वह पांच मई को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए खरीदी केंद्र जा रहा था। भैंस बीमार थी, इसलिए दवा लेने के लिए मेडिकल स्टोर के पास ट्रैक्टर खड़ी कर दवाएं ले रहा था। इसी दौरान पपौंध थाने के प्रधान आरक्षक जीवनलाल और दो अन्य पुलिसकर्मी आ गए।
पूछने पर जमीन की पर्ची दिखाया और बताया कि गेहूं बेचने खरीदी केंद्र जा रहे हैं। इतना सुनते जीवनलाल और साथी पुलिसकर्मियों ने मारना शुरू कर दिया। लात-घूसों से मारा और थाने ले गए। वहां कहा गया कि शुक्र मनाओ कि एसटी-एससी एक्ट नहीं लगा रहे हैं और 151 पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की।
ब्यौहारी एसडीओपी कार्यालय में नहीं ली शिकायत
पीड़ित किसान सत्येंद्र ने बताया कि पपौंध थाने में उसके साथ की गई मारपीट की शिकायत ब्यौहारी एसडीओपी कार्यालय में करने के लिए पहुंचा तो वहां शिकायत ही नहीं ली गई। उसे शिकायत लेकर डेढ़ सौ किलोमीटर दूर एसपी कार्यालय आना पड़ा।
कई मामले दर्ज हैं और वह लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहा था
सत्येंद्र के खिलाफ पूर्व में कई मामले दर्ज होने की बात कहते हुए आगे बताते हैं कि वह लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहा था। पुलिस द्वारा मना करने पर नहीं माना, जिसके बाद धारा 151 की कार्रवाई की गई।