छत्तीसगढ़ में B.Sc नर्सिंग की वार्षिक परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षाएं अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। विद्यार्थी केंद्रों पर जाकर परीक्षा देने के कार्यक्रम का विरोध् कर रहे हैं। अब भाजपा के सांसद रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर नर्सिंग परीक्षा ऑनलाइन ही कराने की मांग की है।
नेताम का कहना है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति आयुर्विज्ञान और आयुष विश्वविद्यालय द्वारा नर्सिंग की परीक्षा ऑफलाइन कराये जाने का निर्णय गलत है। पहले ही विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम के अध्ययन में 6 माह पीछे चल रहे हैं। इनकी ऑनलाइन पढ़ाई से शैक्षणिक समानता आ सकती है।
नेताम का कहना है, कोरोना महामारी की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। नर्सिंग के विद्यार्थी प्रदेश के विभिन्न गांवों और दूसरे राज्यों के निवासी हैं। इनके परीक्षा देने आने पर कोरोना संक्रमण का खतरा है। इसकी वजह से उनके अभिभावक भी चिंतित हैं। नेताम ने प्रदेश में संक्रमण की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नर्सिंग की परीक्षा ऑफलाइन ही कराने की मांग की है।
छात्राओं ने किया प्रदर्शन
मार्च महीने की शुरुआत में B.Sc नर्सिंग का परीक्षा कार्यक्रम जारी होते ही विद्यार्थियों का विरोध शुरू हो गया था। उनका कहना था जब उनकी पढ़ाई ऑनलाइन हुई है तो परीक्षा ऑफलाइन क्यों हो रही है। क्या अब संक्रमण का खतरा खत्म हो गया है। आज भी छात्राओं ने परीक्षा को ऑनलाइन कराने के लिये प्रदर्शन किया।
22 अप्रैल से होनी है परीक्षा
B.Sc नर्सिंग, पोस्ट बेसिक B.Sc नर्सिंग और M.Sc नर्सिंग पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 22 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। यह परीक्षाएं 12 मई तक चलनी है। प्रदेश भर में B.Sc के लिए 18 और M.Sc के लिए 9 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं।