एयर इंडिया (Air India sale) को खरीदने के लिए कई कंपनियां रेस में हैं, लेकिन इसमें सबसे आगे टाटा संस और स्पाइस जेट का नाम सामने आ रहा है. वहीं, इस लिस्ट में एयर इंडिया के कर्मचारियों का कंसोर्शियम बाहर हो गया है.
यर इंडिया (Air India sale) को खरीदने के लिए कई कंपनियां रेस में हैं, लेकिन इसमें सबसे आगे टाटा संस और स्पाइस जेट का नाम सामने आ रहा है. वहीं, इस लिस्ट में एयर इंडिया के कर्मचारियों का कंसोर्शियम बाहर हो गया है. 8 मार्च को कंपनी की कमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक ने एंप्लॉयीज को एक लेटर भेजा है, जिसमें लिखा है कि कंसोर्शियम शॉर्टलिस्ट नहीं हो पाई है. मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, इस रेस में सबसे आगे टाटा संस और स्पाइसजेट है.
आपको बता दें मीनाक्षी मलिक इस समय एंप्लॉयी कंसोर्शियम को लीड कर रही हैं. उन्होंने कहा, “पिछली रात को भारत सरकार के ट्रांजैक्शन एडवाइजर अर्नेस्ट एंड यंग LLP ने एक ईमेल के जरिए बताया कि हम डिसइनवेस्टमेंट एक्वाजिशन प्रोसेस में अगले चरण में नहीं जा पाए हैं.”
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बिडिंग से बाहर होने का है दुख
मनीकंट्रोल ने भी इस लेटर की कॉपी को देखा है. इसमें आगे कहा गया है कि यह बहुत दुख के साथ सूचित किया जा रहा है कि हम एयर इंडिया की बिडिंग से बाहर हो गए हैं. लेकिन फिर भी पिछले कुछ महीनों में जो हमने कोशिश की है वह सराहनीय है.
जानें आगे क्या कहा?
इसके आगे मलिक ने इस लेटर में E&Y के मेल का भी हिस्सा जोड़ा है, जिसमें लिखा है कि आपकी तरफ से जमा EOI और दूसरे डॉक्यूमेंट्स के आकलन के बाद हमने पाया कि एयर इंडिया के स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट के प्रीलिमनरी इनफॉरमेशन मेमोरेंडम (PIM) की शर्तों को आप पूरा नहीं कर पाए हैं. इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.
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आपको बता दें कुछ ऐसे कारण रहे जिसकी वजह से इनको बिडिंग में शामिल नहीं किया गया. फॉरेन कंसोर्शियम के पिछले तीन साल के फाइनेंशियल स्टेटमेंट की ऑडिट रिपोर्ट. इसके अलावा किसी ऑफशोर कंपनी में निवेश से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है. PIM की शर्तों के मुताबिक, फॉरेन कंसोर्शियम मेंबर सही ढंग से फॉरेन इनवेस्टमेंट फंड का रेगुलेशन नहीं करते हैं. इन सबको आधार बनाकर एंप्लॉयीज कंसोर्शियम के आवेदन को अयोग्य करार दिया गया है.