नईदिल्ली। 26 जनवरी को किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान लालकिले में जाकर झंडा फहराने और हमले के आरोप कुछ किसान नेताओं ने दीप सिद्धू पर लगाया है। किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया। लाल किले की घटना के बाद से दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपना संदेश जारी किया है। इन संदेशों को आप यहां पर सुन सकते हैं।
आइए जानते हैं कि दीप सिद्धू हैं कौन और वे इस आंदोलन से कैसे जुड़े? दीप सिद्धू का जन्म पंजाब के मुक्तसर में हुआ है, वह मॉडल और अभिनेता है। किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं, एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने फिल्म ’रमता जोगी’ से कदम रखा, इस फिल्म को मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर ‘विजेता फिल्म्स’ में बनाया गया था। इसके साथ ही वह लीगल एडवाइजर भी हैं। उन्होंने राजनीति में 2019 से कदम रखा और गुरदासपुर से बीजेपी के नेता सनी देओल के लिए प्रचार किया था।
जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में हिस्सा लेते दिखाई दिए तो कई किसान संगठनों के नेताओं ने उन पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप भी लगाया, जिसे सिद्धू ने सिरे से नकार दिया। जैसे ही किसान आंदोलन शुरू हुआ दीप सिद्धू सक्रिय हो गए। रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू ने भी अहम भूमिका निभाई। कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे, कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया। इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है। किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहते ही हैं, साथ ही डिजिटल का भी पूरा सहयोग लेते हैं। वह अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए भी किसानों को संबोधित करते हैं।
किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड निकालने वाले थे, लेकिन आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना कुछ किसानों से मिले और उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला, दो महीने हो गए हैं, ये सरकार की बात मान लेते हैं, बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे। जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे। लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में ’निशान साहिब’ का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू उसी समूह में शामिल थे। पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया, उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है।
किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है, उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन को धार्मिक आंदोलन बना दिया है, बता दें कि दिल्ली में हुई झड़प में 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 22 केस दर्ज हुए हैं साथ ही सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमने पहले ही ऐलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे, संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था। बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा, हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड तोड़े, हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीक़े से आउटर रिंग रोड जाएंगे। लाल क़िले पर जाने के हम ज़िम्मेदार नहीं। लाल क़िले पर दीप सिद्धू गया, लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार दीप सिद्धू है। दीप सिद्धू को पुलिस ने क्यों नहीं रोका लाल किले पर। दीप सिद्धू सरकार का आदमी है, हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे। पुलिस का जांच में सहयोग करेंगे। मैं संयुक्त किसान मोर्चे से बात भी करूंगा, लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं।