16 जनवरी 2021 से भारत में कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हो गई है. भारत बायोटेक के अलावा पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानी एसआईआई की कोविशील्ड के इंजेक्शन भी लोगों को दिए जाएंगे. भारत की तरफ से कोवैक्सीन और कोविशील्ड के इमरजेंसी प्रयोग को मंजूरी दी गई है. भारत का वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीनेशन ड्राइव है. इस वर्ष जुलाई तक करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की योजना सरकार ने तैयार की है. आज आप जानिए इसी सीरम इंस्टीट्यूट के बारे में कुछ खास बातें.
1966 में हुई थी शुरुआत
एसआईआई की शुरुआत अदार पूनावाला के पिता साइरस पूनावाला ने सन् 1966 में की थी. पारसी परिवार से आने वाले साइरस ने 12,000 डॉलर के साथ उन्होंने इस कंपनी को शुरू किया था. उनका आइडिया घोड़ों के सीरम से वैक्सीन तैयार करना था. देखते ही देखते एसआईआई दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में शामिल हो गई. आज दुनियाभर में इस इंस्टीट्यूट की तरफ से1.5 बिलियन की वैक्सीन तैयार की जाती है और उन्हें बेचा जाता है. एसआईआई इस समय बीसीजी के टीके से लेकर पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनेस और चेचक के साथ बच्चों में होने वाले टीकाकरण से जुड़ी हर वैक्सीन को तैयार करती है.
घोड़ों को देखकर आया आइडिया
इतने बड़ स्तर पर वैक्सीन तैयार करने वाले साइरस पूनावाला को अब वैक्सीन किंग के नाम से जानते हैं. साइरस पूनावाला का आइडिया कभी भी वैक्सीन बनाने का नहीं था. 20 साल की उम्र में उन्होंने रेसिंग कार बनाने का सपना देखा था. यहां तक कि जगुआर डी-टाइप का प्रोटोटाइप मॉडल भी उन्होंने 120 डॉलर में तैयार कर डाला था. लेकिन उन्हें जल्द ही पता लगा गया कि वह इस काम को नहीं कर पाएंगे. इसलिए उन्होंने अपने परिवार के बिजनेस जो कि घोड़ों के अस्तबल से जुड़ा था, उसे ही आगे बढ़ाने का सोचा. वह यहां पर काम करते थे और यहीं से उन्हें वैक्सीन बनाने का आइडिया आया था.
क्या है कोविशील्ड की कीमत
पूरी दुनिया की नजरें अब भारत पर लगी हैं. ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेंका के फॉर्मूले को कोविशील्ड वैक्सीन के नाम से भारत में मुहैया कराया जाएगा. एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने देश से वादा किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सपने को पूरा करेंगे जो आत्मनिर्भर भारत से जुड़ा है. अदार पूनावाला ने साल 2001 में कंपनी के सीईओ का जिम्मा संभाला था. भारत कोविशील्ड की 110 लाख डोजेस खरीद रहा है और हर डोज की कीमत 200 रुपये और इस पर टैक्सेज अलग से हैं. हालांकि भारत सरकार के लिए खास डिस्काउंट की पेशकश भी की गई है. दूसरे देशों और निजी खरीददारों के लिए इसकी कीमत 400 रुपये प्रति डोज से ज्यादा होगी.
कुछ वैक्सीन चाय से भी सस्ती
सीआईआई की कुछ वैक्सीन 5 रुपए की कीमत पर भी बिकती हैं यानी चाय के एक कप से भी सस्ती. भारत सरकार के अलावा सीआईआई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ), यूनीसेफ और गावी को भी वैक्सीन सप्लाई करती है. मई 2019 में एक रिपोर्ट के मुताबिक साइरस पूनावाला ने यूक्रेन को चेचक के फ्री वैक्सीनेशन के लिए 100 हजार फ्री डोज सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया था. फोर्ब्स की तरफ से साल 2020 में आई भारतीय अमीरों की लिस्ट में साइरस पूनावा छठें नंबर हैं. बेटे अदार पूनावाला की अगुवाई में कंपनी की कीमत आज 4,000 करोड़ से भी ज्यादा की है.