कोरोनवायरस ( COVID -19) संक्रमण का खतरा ज्यादा होने कि सम्भावना है, जबकि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की आसार कम है. इस अध्ययन कोरोनवायरस से पीड़ित लोगों के ब्लड ग्रुप का अवलोकन किया गया था.
रक्त नमूनाें की जांच
वांग जिंगहुआन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन, झोंगनान अस्पताल, वुहान विश्वविद्यालय में 2,000 से अधिक संक्रमित रोगियों के रक्त समूह के पैटर्न को देखा. उन्होंने पाया कि ‘ए’ ब्लड ग्रुप वाले रोगियों में संक्रमण की उच्च दर व अधिक गंभीर लक्षण विकसित हुए. 206 रोगियों में से 85 में रोगी ‘ए’ ब्लड ग्रुप के थे.
‘ए’ ब्लड ग्रुप काे विशेष उपचार
शोधकर्ताओं ने बोला कि ‘ए’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों का किसी भी तरह के इंफेक्शन के प्रति ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता है, साथ ही Sars-CoV-2- से संक्रमित इस ब्लड ग्रुप रोगियों को ज्यादा सतर्क निगरानी व विशेष इलाज की जरूरत हो सकती है.
अध्ययन में बोला गया है कि ब्लड ग्रुप ओ में नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स की तुलना में संक्रामक बीमारी के लिए बहुत ज्यादा कम जोखिम पाया गया, हालांकि अभी पीयर की समीक्षा की जानी है.
भारत में सबसे ज्यादा O ब्लड ग्रूप
यूएस नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के एक अध्ययन के अनुसार, ‘O’ हिंदुस्तान में सबसे आम रक्त समूह (37.12 प्रतिशत) है, इसके बाद B( 32.26 प्रतिशत), फिर A (22.88 प्रतिशत) व AB ( 7.74 फीसदी ), सबसे कम प्रचलित समूह है. जबकि अमेरिका में, लगभग 44 प्रतिशत आबादी का ब्लड ग्रुप ओ है, व 41 प्रतिशत का ब्लड ग्रुप ए है.
वांग ने बोला कि रोगियों व चिकित्साकर्मियों दोनों में एबीओ ब्लड टाइपिंग करना Sars-CoV-2 व अन्य कोरोनावायरस संक्रमणों के प्रबंधन व बचाव में मददगार होने कि सम्भावना है.