महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त दो शिवसेना नेताओं ने लाभ के पद पर काबिज होने के आरोपों से बचने के लिए अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेज दिया है. अरविंद सावंत और रविंद्र वायकर को सीएम उद्धव ने कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा दिया था हालांकि आगामी बजट सत्र में विपक्ष के आरोपों से बचने के लिए पार्टी की ओर से इनके इस्तीफे का फैसला लिया गया है. फिलहाल इन दोनों के इस्तीफे पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है.
उद्धव ठाकरे ने 14 फरवरी को ही अरविंद सावंत को राज्य की संसदीय समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त किया था. तीन सदस्यीय इस कमेटी का गठन खुद मुख्यमंत्री की ओर से किया गया था जिसके प्रमुख सावंत को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था. अरविंद सावंत ने पिछले साल बीजेपी और शिवसेना में अनबन के बाद केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
वहीं शिवसेना विधायक रविंद्र वायकर को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख समन्वयक बनाया गया जिसे कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा हासिल था. वायकर को राज्य में जरूरी विकास परियोजनाओं के लिए फंड आवंटन का जिम्मा मिला था जिसमें वह जनप्रतिनिधियों और सीएम उद्धव के बीच कड़ी का काम कर रहे थे.अब दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा देकर सीएम को भेज दिया है.
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को डर था कि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी आगामी बजट सत्र में इन नियुक्तियों को मुद्दा बना सकती है. इसकी वजह से बजट सत्र में हंगामा बढ़ने का आसार थे, इससे पहले ही दोनों नेताओं को पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था.