हमारे शरीर में होने वाली मिर्गी के दौर वाली बीमारी बेहद ही घातक होती है क्योंकि मिर्गी के दौरे किसी भी क्षण आ सकते है और कई बार गलत जगह पर इन दौरे का घातक असर भी दिखाई देता है।ऐसा माना गया है कि कुछ लोगों को यह दौरे सिर में लगने वाली गंभीर चोट की वजह से भी पड़ते है और अन्य कई मामलों में ऐसा भी देखने में आया है कि मिर्गी की बिमारी आनुवांशिक भी हो सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 35 साल से अधिक आयु के लोगो में यह बीमारी अधिक देखने को मिलती है।मिर्गी की बीमारी के एक कारण में इस बात को भी बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान खान-पान का ध्यान नही रखने के कारण भी जन्म लेने वाले बच्चों में भी मिर्गी के दौरे की बीमारी का खतरा रहता है।
मिर्गी के दौरे में दिखाई देने वाले लक्षणों में मरीज का बेहोश हो जाना,दांत भिंचना, शरीर का लडख़ड़ाना, मुंह से झाग निकलना, लगातार एक ही तरफ टकटकी लगाते हुए देखते रहना सामने आते है।
मिर्गी की बीमारी एक एक लाइलाज बीमारी है, लेकिन मिर्गी के दौरे के लिए रुटीन दवा का इस्तेमाल कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।मिर्गी के दौर में डाइट का भी विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है मिर्गी के रोगी को हमेशा एटकिंस डाइट का सेवन लाभकारी होता है।एटकिंस डाइट में कम से कम लो कार्ब वाला आहार शामिल किया जाता है।
मिर्गी के रोगी को जिम, ऐरोबिक्स या फिर कोई भी सांस चढ़ाने वाली एक्सरसाइज नही करनी चाहिए।मिर्गी के रोगी हल्की सैर और योगासन ही कर सकते है।इससे इनके मिर्गी के दौरे में आराम मिलता है और मिर्गी के दौरे भी कम पड़ते है।