भारतीय जनता पार्टी (महिला मोर्चा) की पूर्व प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है। भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष लाखन चौहान ने DIG उज्जैन को एक आवेदन देकर मामला दर्ज करने की मांग की है।
श्रेष्ठा जोशी पर भाजपा के दलित नेता ने क्या आरोप लगाए
भाजपा के दलित नेता लाखन चौहान ने बताया कि उन्होंने दलितों के संबंध में फेसबुक पर एक पोस्ट अपलोड की थी, जिसे लेकर श्रेष्ठा जोशी ने उनके मोबाइल पर कॉल करके गाली-गलौज करने के साथ जान से मारने की धमकी भी दी थी। चौहान का कहना है कि वह दलित समाज से हैं और आरोपी ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया।
घर आकर जबरन वीडियो बनवाया और वायरल भी करवाया
चौहान ने आवेदन में बताया कि 31 जनवरी को आरोपी श्रेष्ठा अपने कुछ साथियों के साथ मेरे घर आई और मुझे डराया-धमकाया। मारपीट कर बयान का फर्जी वीडियो बनाकर मेरी फेसबुक आईडी से अपलोड कर दिया। चौहान ने बताया कि उनके चुंगल से छूटने के बाद उन्होंने गलत वीडियो हटाकर अपने बयान का सही वीडियो अपलोड किया। चौहान का कहना है कि उनकी जान को खतरा है। पिछले 8 दिनों से वह लगातार छुपते फिर रहे हैं। चौहान ने आरोपी श्रेष्ठा जोशी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।
श्रेष्ठा जोशी और लाखन चौहान के बीच विवाद कैसे शुरू हुआ
30 जनवरी 2020 को सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट को लेकर जोशी और चौहान में विवाद हो गया था। पोस्ट पर श्रेष्ठा ने कुछ लिखा तो लाखन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया की बहस में बाद में दो-तीन लोग और शामिल हो गए, लेकिन लाखन और श्रेष्ठा एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने लगे। श्रेष्ठा ने लाखन को फोन कर धमकी दी तो मामला और गंभीर हो गया। इनकी बातचीत के पांच ऑडियो वायरल हुए हैं, जिनमें श्रेष्ठा लाखन को गाली-गलौज करती सुनाई दे रही थी। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने जोशी को पद से हटाते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।