अगर आप सोने के गहने खरीदने की तैयारी में हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि केंद्र सरकार ने सोने की जूलरी खरीदने से जुड़े नियमों का ऐलान किया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि 15 जनवरी 2020 से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने से जुड़ा प्रोसेस शुरू हो गया है. इसके लिए सभी निर्माताओं को अपने प्रतिष्ठानों का नाम अंकित करना होगा. आपको बता दें कि सोने से गहनों से जुड़ी हॉलमार्किंग का मतलब होता है कि आपके गहनों में कितना सोना लगा है और अन्य मेटल कितने हैं इसके अनुपात का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड होता है. नए नियमों के तहत अब सोने की जूलरी की हॉल मार्किंग होना अनिवार्य होगा. इसके लिए ज्वैलर्स को लाइसेंस लेना होगा.
सोने के गहने खरीदने वालों पर क्या होगा असर
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया बताते हैं कि देश में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग करना इससे पहले स्वैच्छिक था. अब इस नियम के लागू हो जाने के बाद सभी ज्वैलर्स को इन्हें बेचने से पहले हॉलमार्किंग लेना अनिवार्य हो जाएगा.
इससे पहले देश में सोने के गहनों की गुणवत्ता को तय करने की कोई जांच एजेंसी नहीं थी. ऐसे में अनजान ग्राहकों को कई मौकों पर 22 कैरेट की बजाय 21 या अन्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों से कम कैरेट का सोना बेच दिया जाता है, जबकि दाम उनसे अच्छी गुणवत्ता वाले सोने के वसूले जाते हैं.
नियम नहीं मानने पर होगी सज़ा
रामविलास पासवान ने बताया कि देश में 234 जिलों में 892 हॉल मार्किंग केंद्र बनाए गए हैं. आभूषण विक्रेता ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं तो उसके लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सजा अदालत की प्रक्रिया द्वारा निर्धारित होगी.ग्राहकों को अपने आभूषणों से संतुष्ट करने के लिए उपभोक्ता फोरम हेल्पलाइन बनाई गई है.
BIS कम से कम संभावित समय में ज्वैलर द्वारा उनका ऑनलाइन रजिस्टर करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बना रहा है
सरकार 14 कैरेट, 16 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट और 22 कैरेट की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य करेगी. इसके लिए 400 से 500 नए असेसिंग सेंटर खुलेंगे. फिलहाल देश में 700 से ज्यादा असेसिंग सेंटर हैं. सरकार को लगता है कि अभी और असेसिंग सेंटर की जरूरत है.
ग्रामीण ज्वैलर्स पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी सरकार
ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए 1 साल तक का वक़्त मिलेगा. इस दौरान सरकार ज्वैलर्स पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग को पूरी तरह से अनिवार्य बनाया गया है. इस दौरान बीआईएस (BIS) ग्राहकों को मैंडेटरी हॉलमार्किंग ज्वेलरी लेने के लिए जागरूक करेगा.