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इजराइल को भारत से क्या लाभ मिलते हैं और वे हमारी मदद क्यों कर रहे हैं, जानिए इस पोस्ट में….

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इज़राइल राष्ट्र दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है।
मध्यपूर्व में स्थित यह देश विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फ़िर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर येरूशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई।
आप सभी लोगों को मालूम है कि राहुल को दुनिया का एक शक्तिशाली और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश माना जाता है वैसे ही हमारा भी देश एक शक्तिशाली और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश है और वर्तमान समय में इजराइल और भारत दोनों एक-दूसरे के अच्छे और सच्चे मित्र देश माने जाते हैं और दोनों देश हर मुश्किल परिस्थिति में एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।
लेकिन दोस्तों क्या आप लोगों को मालूम है इजराइल को भारत से क्या लाभ होता है और आखिर क्या कारण है कि इजराइल हमारी भी मदद करता है। वैसे देखा जाए तो वर्तमान समय में इजराइल और भारत दोनों देशों की सैन्य शक्ति काफी ज्यादा मजबूत मानी जाती है लेकिन दोस्तों भारत की हर मुश्किल परिस्थिति में इजराइल का साथ देने का एक कारण भी है जिसके बारे में शायद आप लोगों को मालूम नहीं होगा।
जैसा की आप सभी लोगों को मालूम है इजराइल दुनिया का इकलौता यहूदी धर्म को मानने वाला देश है जहां पर यहूदी निवास करते हैं और दुनिया की किसी भी क्षेत्र में कोई यहूदी रहता है तो उसे ऑटोमेटेकली इजराइल की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। बता दे बात उस समय की है जब जर्मनी में तानाशाह हिटलर का दौर चल रहा था तब उसने लाखों यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया था उसके बाद सभी यहूदी भागकर इंग्लैंड चले गए थे लेकिन वहां भी उन्हें कुछ सहायता नहीं मिली।
उसके बाद खाड़ी के मुस्लिम देशों ने भी यहूदियों की मदद करने से मना कर दिया। अब इन सभी से सहायता न मिलने की वजह से यहूदियों की आशा सिर्फ भारत की और थी उसके बाद भारत के राजाओं ने यहूदियों को अपने यहां ठहरने की अनुमति दी और उनके रहन-सहन की भी पूरी तरह से व्यवस्था की। दोस्तों तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किन-किन क्षेत्रों में यहूदियों ने भारत में अपना आशियाना बनाया।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय जब यहूदियों को इंग्लैंड से बाहर निकाला जाने लगा था उन्हें और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था उसके बाद केवल दो ही देश यहूदियों को शरण दे रहे थे जिनमें पहला अमेरिका और दूसरा भारत था। आपकी जानकारी के लिए बता दें गुजरात के जामनगर के राजा जाम साहेब दिग्विजय सिंह ने यहूदी शरणार्थियों को अपने यहां जगह दी और उनके खाने-पीने की पूरी तरह व्यवस्था की।
उसके बाद दोस्तों साठ के दशक में जब इजराइल देश का गठन हुआ तब सभी अलग-अलग क्षेत्रों में बिखरे हुए हैं यहूदी इजराइल में आकर बसने लगे उसके बाद इजरायल धीरे-धीरे दुनिया का एक शक्तिशाली और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बनने लगा और वर्तमान समय में इजराइल दुनिया का इतना ज्यादा शक्तिशाली देश बन गया है कि उसकी तरफ कोई भी आंख उठाकर नहीं देख सकता अगर देखा जाए तो इनकी शक्ति का एक मुख्य कारण यह भी है कि उस देश में लगभग सभी नागरिकों को मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है जिसके कारण वहां पर रहने वाले लगभग सभी नागरिक अपने आप की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
दोस्तों अब बात आती है भारत और इजराइल की दोस्ती की अगर आप सभी को मालूम ही होगा कि जब यहूदियों को कोई शरण नहीं दे रहा था तब भारत ही एक ऐसा देश था जिसने यहूदियों को शरण दी थी जिसके बाद यहूदी लोग कभी भी भारत के इस सहायता को नहीं भूल पाए हैं और हर मुश्किल परिस्थिति में यहूदी हमेशा हमारे देश का साथ देते हैं।