एक उपहार या एक उपहार किसी वस्तु को भुगतान की उम्मीद के बिना या बदले में कुछ भी दिया जाता है। एक आइटम एक उपहार नहीं है यदि वह आइटम पहले से ही उस व्यक्ति के स्वामित्व में है जिसे उसे दिया गया है। हालाँकि उपहार देने में पारस्परिकता की उम्मीद शामिल हो सकती है, लेकिन उपहार को मुक्त करने का मतलब है। कई देशों में, धन, माल आदि के पारस्परिक आदान-प्रदान का कार्य सामाजिक संबंधों को बनाए रखने और सामाजिक सामंजस्य में योगदान कर सकता है।
क्रिसमस और नया साल आने में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में ज्यादातर लोग अपने करीबियों के लिए गिफ्ट खरीदने की प्लानिंग कर चुके होंगे लेकिन गिफ्ट खरीदने से पहले आपको इससे जुड़ी कुछ बातों पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे आपको किन चीजों को किसी को गिफ्ट के रूप में नहीं देना चाहिए-
पानी से जुड़ी चीजें
कोई व्यक्ति आपका कितना भी खास क्यों ना हो, कभी किसी को पानी से जुड़ी चीजें नहीं देनी चाहिए। जैसे एक्वेरियम, पानी वाला कोई शो पीस, वाटर बोतल, कुंड आदि।उपहार में ऐसी चीजें देने से इंसान को पैसों की कमी या आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अपने पेशे (प्रोफेशन) से जुड़ी चीजें
किसी भी अवसर पर अपने प्रोफेशन से जुड़ी चीजें बिल्कुल भी गिफ्ट नहीं करनी चाहिए। जैसे, अगर आप लेखन से जुड़े किसी पेशे में हैं, तो कभी भी किसी व्यक्ति को पैन, किताब, कॉपी, स्याही ना दें। ऐसी चीजें उपहार में देने से व्यक्ति को कारोबार में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
भगवान की मूर्तियां या तस्वीर
वास्तुशास्त्र के अनुसार भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों को गिफ्ट नहीं करना चाहिए। इन्हें रखने और इनकी पूजा करने का एक विधान होता है इसलिए इन्हें खुद ही खरीदना चाहिए।