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करोड़ों की ठगी, नोएडा के ठग गिरोह को दुर्ग पुलिस ने किया गिरफ्तार…

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मोबाइल टावर लगाने, बीमा बोनस दिलाने का झांसा, लोन और आयकर अफसर बनकर लोगों से ठगी करने वाले नोएडा के एक शातिर ठग गिरोह के सात सदस्यों को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 80 साल की एक बुजुर्ग महिला से करीब 62 लाख स्र्पये की ठगी किए जाने के बाद यह मामला सामने आया था। इसके बाद दुर्ग पुलिस और सायबर सेल टीम ने मामले की तहकीकात कर आरोपियों को दिल्ली पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए गए आरोपितों से बहुत से एटीएम कार्ड, चेकबुक और ऑनलाइन ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली डिवाइस के साथ ही 25 नग मोबाइल फोन जब्त किए हैं। आरोपितों से गैंग के अन्य आठ सदस्यों के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली है और अब उनकी पतासाजी की जा रही है।

यह गैंग ऑनलाइन नेटवर्क बनाकर लोगों को फोन कॉल के जरिए झांसे में लेता था। पुलिस का दावा है कि गैंग ने छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में बहुत से लोगों से करोड़ों स्र्पयों की ठगी की है। पुलिस अभी इनसे पूछताछ कर रकम के बारे में जानकारी जुटा रही है। लोगों से ठगी गई रकम को आरोपितों ने अलग-अलग खातों में जमा कर रखा है।

मंगलवार को दुर्ग पुलिस कंट्रोल रूम में इसका खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने बताया कि भिलाई की रहने वाली 80 वर्षीय एक वृद्ध महिला ने अपने साथ हुई 62 लाख स्र्पये की ऑनलाइन ठगी के बारे में पुलिस के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

प्रार्थी महिला ने बताया था कि आरोपितों ने उसे अलग-अलग नंबरों से कॉल कर घर पर मोबाइल टावर लगाने और बीमा मेच्योरिटी का पैसा दिलाने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा करवाई है। इस शिकायत के बाद सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई।

महिला ने जिन बैंक खातों में रकम जमा कराई थी और जिन नंबर से उन्हें संपर्क किया गया था, उनकी जांच करने के बाद पुलिस को पता चला कि इनमें से ज्यादातर खाते नोएडा, दिल्ली, लखनऊ और गाजियाबाद में हैं। नंबरों की लोकेशन चेक करने पर यह नंबर उत्तर प्रदेश में होना पाए गए।

इसके बाद एक टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए वहां रवाना की गई। दुर्ग पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से आखिरकार आरोपितों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अपूर्व गुप्ता, मंजेश्ा कुमार चौहान, सैयद मोहम्मद फैजुल्ला, ज्ञासुद्दीन, कुंदन कुमार साहू, सोनू पांडे और अनुज वर्मा बताए गए हैं। गैंग के आठ सदस्य अभी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश कर रही है।