महाराष्ट्र में भाजपा के सरकार गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं।
के मुताबिक बुधवार को महाराष्ट्र में होने वाले फ्लोर टेस्ट में वोटिंग ओपन बैलेट के जरिए की जाएगी। वहीं विधानसभा की पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में बोला कि इस दौरान स्पीकर का चुनाव नहीं किया जाएगा व प्रोटेम स्पीकर ही फ्लोर टेस्ट कराएगा व सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी कराएगा।
ने पिछले सप्ताह ही एनसीपी से ओपन बैलेट टेस्ट कराने की मांग की थी। इस तरह से वोटिंग कराने का मकसद साफ है कि कोई भी विधायक अपने मताधिकार का गलत प्रयोग न कर सके व अपनी पार्टी को ही वोट दे। इसी के साथ इस पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
फ्लोर टेस्ट कराने के तीन ढंग हैं। ध्वनि मत से विधायकों को अपना मत देने का अधिकार होता है। अगर इस प्रक्रिया से वोटिंग नहीं कराई जाती है तो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, बैलेट बॉक्स व स्लिप का इस्तेमाल कर मतदान कराया जाता है। इसी के साथ अगर गुप्त मतदान की जरूरत होती है तो मतपत्र प्रक्रिया का प्रयोग कर मतदान कराया जाता है। यह बहुत ज्यादा हद तक आम चुनावों की तरह ही होता है।
ओपन बैलेट के मुद्दे में सियासी दलों से संबंधित विधायकों को वोट डालने के बाद पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि को अपना मतपत्र दिखाना आवश्यक होता है। यह मतदान में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया जाता है। बुधवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट में यह उपाय निर्णायक होगा, क्योंकि महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स को देखते हुए कल क्रॉस वोटिंग की संभावनों से मना नहीं किया जा सकता है।