शादी के लिए आदर्श उम्र का अंतर क्या है? और पति और पत्नी के बीच उम्र का अंतर कितना होना चाहिए ऐसे कई सवाल हैं जो उन लड़का और लड़की के मन में आते हैं जिनकी अभी शादी होने वाली हो। हमारे समाज में शादी के लिए हमेशा लड़की से उम्र में बड़ा लड़का ही खोजा जाता है। यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसे बहुत ही कम मामले देखने को मिलते हैं जिनमें लड़की लड़के से बड़ी होती है। वास्तव में शादी लाइफ का एक अहम फैसला होता है और इसमें समाज के बने बनाए नियमों का भी ध्यान रखना पड़ता है। जो रिवाज बहुत पहले से चलता आ रहा है उसे कोई बदलना नहीं चाहता है।
बड़े बुजुर्ग मानते हैं कि पुरुष घर का मुखिया होता है और उसकी उम्र हमेशा उसकी पत्नी से अधिक होनी चाहिए तभी वह उसे समझा सकेगा।
शादी के लिए ज्यादातर लड़के और लड़की की उम्र के बीच पांच साल का अंतर रखा जाता है। लेकिन अगर पांच साल से अधिक का अंतर हो तो दोनों को अपने रिश्ते में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आइये जानते हैं कि शादी के लिए लड़के की उम्र लड़की से अधिक क्यों रखी जाती है, पत्नी पति से छोटी क्यों होती है और अगर दोनों की उम्र में अधिक अंतर हो तो उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कहा जाता है कि शादी जन्म जन्मांतर का रिश्ता है। इसमें पति पत्नी एक पहिए की धुरी होते हैं और दोनों को मिलकर जीवन की गाड़ी खिंचनी होती है। भारतीय समाज में शादी के लिए हमेशा लड़के की उम्र लड़की से ज्यादा स्वीकार की जाती है। आइये जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है।
- विद्वानों का मानना है कि अगर लड़का उम्र में लड़की से बड़ा होगा तो वह लड़की से अधिक परिपक्व और समझदार होगा। चूंकि भारतीय समाज पुरुष प्रधान है और इसमें निर्णय भी पुरुष ही लेता है तो अगर वह लड़की से बड़ा रहेगा तो खुद डिसीजन लेगा और लड़की को भी समझदार बनाएगा।
- प्राचीन ग्रंथों में स्त्री को भावनात्मक रुप से कमजोर माना गया है। इसलिए उसकी शादी उससे उम्र में बड़े लड़के से की जाती है ताकि वह उसे इमोशनल सपोर्ट दे और टूटने ना दे।
- समाज का मानना है कि लड़कियों को बच्चा पैदा करना होता है और अगर लड़की उम्र में लड़के से छोटी होती है तो उसके मां बनने की संभावना प्रबल होती है। यही कारण है कि लड़का हमेशा उम्र में लड़की से बड़ा होता है।
- कुछ लोगों का मानना है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की उम्र जल्दी ढलती है। जबकि पुरुष देर से बूढ़े होते हैं। ऐसे में यदि लड़की लड़के से उम्र में छोटी होगी तो बुढ़ापे में दोनों की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं दिखेगा और दोनों की जीवन प्रत्याशा भी समान होगी।