दाद या दद्रु कुछ विशेष जाति का फफूँदों के कारण उत्पन्न त्वचाप्रदाह है। ये फफूंदें माइक्रोस्पोरोन , ट्राकॉफाइटॉन , एपिडर्मोफाइटॉन या टीनिया जाति की होती है। दद्रु रोग कई रूपों में शरीर के अंगों पर आक्रमण करता है। खोपड़ी का दद्रु फफूंद द्वारा केश की जड़ में आक्रमण के कारण होता है। यह बालों और नववयस्कों में अधिक होता है। खोपड़ी पर गोल चकत्तियों में गंगाजल हो जाता है। केश जड़ के पास से टूट जाते हैं। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर केश के चारों ओर फफूंद जीवाणु का जाला सा दिखाई पड़ता है। इसकी चिकित्सा कठिन है। एक्स-किरणों से चिकित्सा की जाती है।
दाद ठीक करने का घरेलू उपाय
हल्दी के लेप को कुछ दिनों तक दाद या खाज पर लगाने से बहुत जल्दी ही दाद और खाज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता हैं।इसके लिए इस लेप को एक बार दिन में और एक बार रात में जरुर लगाना चाहिएं।
इसके अलावा भुने हुए त्रिफला को पीस कर इसका पाउडर तैयार कर लें। फिर इस चूर्ण में सरसों का तेल, देशी घी और फिटकरी को मिलाकर पेस्ट बना लें। यह पेस्ट दाद और खाज के लिए बहुत ही कारगर घरेलू उपाय हैं।