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ये है दुनिया की सबसे हल्की मिठाई, ली गई है वैज्ञानिकों की सहायता

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आज हम आपको कुछ ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं जो कई मायनों में अभी तक की सबसे अनोखी मिठाई है। यकीन मानिए आपने अभी तक ऐसी मिठाई के बारे में कल्पना भी नहीं की होगी।

दरअसल, ब्रिटेन के कारीगरों ने दुनिया की सबसे हल्की मिठाई तैयार की है। इस मिठाई की सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में वैज्ञानिकों की सहायता भी ली गई है। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि यह दुनिया की सबसे हल्की मिठाई है जिसका वजन सिर्फ एक ग्राम है। इस मिठाई का 96 फीसदी हिस्सा सिर्फ हवा है। मतलब मुहं को मिठास से भर देने का काम इसमें मिलाए गए सिर्फ 4 प्रतिशत पदार्थ ही करते हैं।

दुनिया की सबसे हल्की इस मिठाई का इजाद लंदन में स्थित डिजाइनर स्टूडियो बॉमपास एंड पार के कारीगरों ने एरोजेलेक्स लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर जर्मनी के हैमबर्ग में किया है। इस मिठाई को बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने पहले दुनिया के सबसे हल्के ठोस पदार्थ को खाने लायक बनाया फिर उसमें मिठास डाली।

इस मिठाई को एरोजेल से बनाया गया है। एरोजेल दुनिया का सबसे हल्का ठोस पदार्थ है। इसका अविष्कार वर्ष 1931 में हुआ था। इस पदार्थ का अविष्कार अमेरिका के रसायनविद सैमुअल किस्टलर ने किया था। सैमुअल व उनके एक साथी के बीच शर्त लगी थी कि कौन बिना सिकुड़न के जेल में मौजूद पानी को हवा में बदल सकता है। इसी शर्त के चलते सैमुअल ने कई प्रयोग किए जिसमें एरोजेल का अविष्कार हुआ। एरोजेल में 95 से 99.8 प्रतिशत हवा होती है इसी वजह से यह दुनिया का सबसे हल्का ठोस पदार्थ है।

एरोजेल से ही बॉमपास एंड पार के डिजाइनरों को दुनिया की सबसे हल्की मिठाई बनाने का आइडिया आया। डिजाइनरों ने एरोजेल से मिठाई बनाने का फैसला किया। वैसे तो एरोजेल का निर्माण कई पदार्थों से होता है लेकिन मिठाई बनाने के लिए कारीगरों ने अंडे की सफेदी में पाए जाने वाले ग्लोबुलर प्रोटीन एल्बमोइड्स का प्रयोग किया।

इसे बनाने के लिए सबसे पहले अंडे के सफेद हिस्से से हाइड्रोजेल तैयार किया गया और फिर उसे कैल्शियम क्लोराइड और और पानी में डुबोकर एक सांचे में डाला गया। इसके बाद तैयार मैरिंग्यु जेल से तरल पदार्थ हटाकर उसे लिक्विड कार्बन डाई ऑक्साइड में बदला गया। इसे बाद में गैस बना दिया गया और अंत में गैस को भी हटा दिया गया।

अंत में जो मिठाई बनकर तैयार हुई है उसका वजन मात्र एक ग्राम है और उसमें 96 प्रतिशत हवा है। इस मिठाई को कुछ ज्यादा ही वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया है तो अनुमान यह लगाया जा रहा है कि इसमें स्वाद के नाम पर सिर्फ मिठास ही होगी। हालांकि, इस मिठाई का स्वाद कैसा है इस बात की जानकारी अभी तक नहीं मिली है। इस मिठाई को 10-26 अक्तूबर 2019 को सउदी अरब के दरहान स्थित किंग अब्दुल अजीज सेंटर फॉर वर्ल्ड कल्चर (इथ्रा) में प्रस्तुत किया जाएगा।