इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिन्हे लोग आज भी याद करते हैं। आज हम मुगलकाल के समय की सबसे खूबसूरत स्त्री के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनकी खूबसूरती की दुनिया दीवानी थी। हम जिस रानी की बात कर रहे हैं उनका नाम मुमताज है। मुमताज का निकाह शाहजहां से 10 मई 1663 ईस्वी में हुआ था।
मुमताज शाहजहां की चौथी पत्नी थीं जिनसे शाहजहां को 14 बच्चे थे। कहते हैं उसने अपनी बेगम मुमताज की याद में ही ताज महल का निर्माण कराया। 17 जून 1631 को अपनी 14 वीं संतान गौहारा बेगम को जन्म देने के दौरान लेवर पेन से मुमताज की मौत हो गई थी।
मुमताज की फुल टाइम प्रेग्नेंसी के बावजूद शाहजहां आगरा से 787 किलोमीटर दूर धौलपुर, ग्वालियर, सिरोंज, हंडिया होते हुए बुरहानपुर लाए थे। वे ये दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकी और उनकी मौत हो गई।
शाहजहाँ, जिसे शुरू में राजकुमार खुर्रम नाम दिया गया था, का जन्म वर्ष 1592 में हुआ था। वह भारत के चौथे मुगल बादशाह जहाँगीर का पुत्र और अकबर महान का पोता था। 1607 में, जब मीना बाजार में टहलते हुए, दरबारियों के साथ, शाहजहाँ ने रेशम और कांच की माला पहने एक लड़की को देखा। शाहजहां को पहली नजर में उस से प्यार हो गया। ये लड़की मुमताज थी, जो उस समय अर्जुमंद बानू बेगम के नाम से जानी जाती थी। उससे मिलने के बाद, शाहजहाँ अपने पिता के पास वापस गया और उसने घोषणा की कि वह मुमताज से शादी करना चाहता है। साल 1612 में इनकी शादी हुई।
मुमताज के इन 14 बच्चों में से ही एक कट्टर मुस्लिम शासक औरंगजेब भी था, यह कहा जाता है कि मुमताज की मृत्यु अपने 14वें बच्चे को जन्म देने के समय ही हुई थी।
शाहजहां के अलावा मुमताज पर कई राजाओं का दिल आया था। वे दिखने में इतनी खूबसूरत थी कि किसी को भी अपना दीवाना बना ले।