देश-प्रदेश की सारी हेल्थ स्कीम में इलाज के लिए अधिकतम 5 लाख रुपए तक की मदद का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश सरकार इस सीमा को तोड़ने की तैयारी में है। प्रदेश में जल्द लागू होने वाली यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम में बड़ी बीमारी वाले मरीजों को 5 लाख रुपए से अधिक की मदद दी जाने वाली है।
यही नहीं, इलाज में मदद की पूरी प्रक्रिया अब ट्रस्ट के जरिए होगी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के मुताबिक यह स्कीम अगली कैबिनेट के पहले भी लागू की जा सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल में घोषणा की थी कि प्रदेश सरकार जल्द ही आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) का संपूर्ण संचालन करेगी। सीएम की घोषणा के बाद इसके लिए ट्रस्ट बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
इसी के तहत सरकार गंभीर बीमारी पर पांच लाख रुपए से ज्यादा की राशि मरीज के इलाज पर खर्च करेगी। इस पूरे काम में अब बीमा कंपनी की कोई भूमिका नहीं होगी।वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना आैर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जाता है। इसमें केंद्र का अंशदान 60 फीसदी और राज्य का 40 फीसदी रहता है। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को बीमा कंपनियों या फिर ट्रस्ट बनाकर इस योजना को लागू करने का विकल्प दिया गया था। निजी और सरकारी अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक मुफ्त इलाज के लिए विभिन्न बीमारियों, उनके टेस्ट, दवाइयों पर खर्च और डाक्टरों व अस्पतालों की फीस के आधार पर पैकेज का खाका तैयार किया गया है।
महीनेभर में ही ट्रस्ट मोड पर
बताया गया है कि मौजूदा अनुबंधित बीमा कंपनी रेलिगेयर से राज्य सरकार का अनबुंध सितंबर में खत्म हो चुका था, लेकिन अधूरी तैयारियों के बीच सरकार ने अनुबंध नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया। दिसंबर से ट्रस्ट मोड पर योजनाएं संचालित होने लगेंगी। क्योंकि बीमा कंपनी को सालाना लगभग 400 करोड़ रुपए का भुगतान हो रहा था। सरकार का मानना है कि ट्रस्ट के माध्यम से इलाज करवाने से इन पैसों का सदुपयोग हो सकेगा। वर्तमान में वर्तमान में संजीवनी राहत कोष, बाल हृदय योजना, बाल श्रवण योजना का संचालन खुद राज्य सरकार कर रही है।
हाइिब्रड से ट्रस्ट मॉडल में अाने की तैयारी
अभी नौ राज्य ऐसे हैं, जो पूरी तरह बीमा मॉडल पर चल रहा है, वहीं 17 राज्य ऐसे हैं, जहां ट्रस्ट मॉडल चल रहे हैं। 7 राज्यों में हाईब्रिड मॉडल चल रहा है, जहां इंश्योरेंस और ट्रस्ट मॉडल है। इसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। छत्तीसगढ़ अब हाइिब्रड मॉडल से हटकर ट्रस्ट मॉडल में आने की तैयारी में है।