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छत्तीसगढ़ – शराब दुकान में ढाई करोड़ की गड़बड़ी, 6 कर्मियों पर केस…

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सरकारी शराब दुकान अछोला में ढाई करोड़ रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है। जब स्टॉक पंजी का मिलान किया गया तो इस मामले का खुलासा हुआ। इधर, अाबकारी उप निरीक्षक अभिषेक राय ने इसकी रिपोर्ट तुमगांव थाने में दर्ज कराई है। तुमगांव पुलिस ने शनिवार को दुकान के सुपरवाइजर, सेेल्समैन सहित कुल 6 कर्मचारियों के खिलाफ धारा 468, 406 के तहत अपराध दर्ज किया है। वहीं पुलिस कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। 


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वेदव्रत सिरमौर ने बताया कि अाबकारी उप निरीक्षण ने अछोला सरकारी देसी शराब दुकान में 2 करोड 54 लाख  64 हजार 480 रुपए के गबन का प्रतिवेदन तुमगांव थाना प्रभारी को सौंपा था। प्रथम दृष्टया  तिवेदन जांच में अपराध घटित होना पाया गया। जिस पर कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। कर्मचारियों से इस मामले में पूछताछ की जा रही है। ज्ञात हो कि जिले में सरकारी शराब दुकान से रुपए के गबन का यह सबसे बड़ा मामला है। अभी तक दो और शराब दुकानों में लाखों रुपए की हेराफेरी हुई है, लेकिन अछोला शराब दुकान का बड़ा मामला है। 

संचालन के लिए एजेंसी बदली तो हुआ खुलासा
अछोला सरकारी शराब दुकान का संचालन ईगल हंटर सॉल्यूशन्स लिमिटेड कंपनी द्वारा एक वर्ष से किया जा रहा था। एक अक्टूबर को सरकारी दुकान के संचालन की एजेंसी बदल गई। इस वर्ष संचालन के लिए एलर्ट कमांडोस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। कंपनी के जिला समन्वयक प्रवेश कुमार जैन ने जब भौतिक सत्यापन किया तो स्टॉक पंजी में करोड़ा रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया। समन्वयक ने पंचगण पंकज कुमार जांगडे, नकुल राम गिलहरे, अजय कुमार जांगडे के समक्ष पंचनामा तैयार किया। रिपोर्ट आबकारी विभाग को सौंपा गया। इसके बाद आबकारी विभाग ने 25 अक्टूबर को तुमगांव थाने को एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रतिवेदन सौंपा।  

अफसरों की लापरवाही से शासन को करोड़ों का घाटा
जिले के कई शराब दुकानों में लाखों रुपए की हेराफेरी का मामला आबकारी विभाग के अफसरों से छुपा नहीं है। इसके बावजूद विभाग के अफसर प्रति माह किसी भी शराब दुकान का सत्यापन सही ढंग से नहीं करते थे। जिसका खामियाजा शासन को आज करोड़ों रुपए के साथ भुगतना पड़ा। 

दूसरे मामले में आबकारी अधिकारी हो चुके है निलंबित
जिले के सरकारी शराब दुकानों में गबन का यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसे तीन मामले और सामने आ चुके हैं। शासन ने इस मामले में पूर्व जिला अाबकारी अधिकारी प्रवीण वर्मा पर कार्रवाई करते हुए निलंबन की कार्रवाई की थी। अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरने के बाद भी गबन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

इन कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज
इगल हंटर सॉल्यूशन्स लिमिटेड कंपनी के कार्यरत सुपरवाइजर पीलू साहू, सेल्समैन अश्वनी सोनकर, कामदेव धीवर, कौशल गजेन्द्र, चंद्रप्रकाश पुष्पाकर और मल्टीवर्कर लेखराम बंजारे के िखलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार कार्य के दौरान इन लोगांे ने स्टॉक पंजी के संधारण व बिक्री में हेरफेर करते हुए करोड़ा रुपए की हेराफेरी की है।