बलौदा बाजार। जिले के कुछ इलाकों में जंगली हाथियों की धमक को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय वन विभाग ने आम जनता के जान-माल की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की है। वन मंडलाधिकारी ने हाथी के आने पर क्या करें और क्या न करें उप शीर्षक से जारी सलाह में लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील की है। वन मंडलाधिकारी ने बताया कि जंगली हाथियों से प्रभावित क्षेत्रों में कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को पक्के मकानों में शिफ्ट करा देना चाहिए। गांव की सीमा के भीतर चारों दिशाओं में कंडे और लकड़ी में मिर्ची पाउडर मिलाकर आग जलाकर रखें और सतर्क रहें। बच्चों को व स्कूलों में प्राचार्यों को अपने छात्रों को हाथियों से बचाव के उपाय बताने चाहिए।
यथा हाथियों से दूर रहना, हाथियों से छेड़छाड़ नहीं करना, सेल्फी लेने का प्रयास नहीं करना और रात में घरों से बाहर नहीं निकलना आदि। हाथी प्रभावित इलाकों में निम्नलिखित चीजें नहीं किए जाने चाहिए। किसी भी हालत में हाथियों के पास नहीं जाएं। हाथियों को न तो पत्थर से मारे और ना ही पटाखे फोड़ें। ऐसा किए जाने से वे और ज्यादा उग्र हो सकते हैं। हाथियों को गाली ना दें, चिल्लाएं नहीं अन्यथा हाथी ऐसे लोगों को खोजकर मार देता है। क्योंकि हाथियों की श्रवण क्षमता तीव्र होती है।
गंध सूंघकर आ जाते हैं हाथी
एडवाइजरी में कहा गया है कि हाथियों की मौजूदगी में जंगलों में प्रवेश ना करें क्योंकि हाथी आपकी गंध दूर से ही सूंघ सकते है और आपको उनकी उपस्थिति का पता ही नहीं चलेगा और वे आपके पास पहुंच जाएंगे। हाथियों को खाने-पीने की वस्तु ना दें। घरों में ना तो शराब बनाएं, ना रखें और न ही रखने दें।
शराब व शराबियों से हाथी अक्सर आकर्षित होकर हमला कर देते हैं। सरकार आपको फसल या अन्य हानि का मुआवजा दे सकती है किन्तु आपकी जान वापस नहीं दे सकती। इसलिए हाथियों से दूरी बनाए रखना ही समझदारी है। हाथियों के कहीं पर भी दिखाई देने पर वन विभाग के कर्मचारी को सूचित करें।